विश्व विख्यात हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला के उद्घाटन के एक सप्ताह बाद भी खेल-तमाशे और थियेटर का लाइसेंस निर्गत नहीं होने पर बंद कर दिया गया है। आक्रोशित ग्रामीणों एवं मेले के दुकानदारों ने अनिश्चितकाल के लिए मेला बंद करने का निर्णय लिया है। दरअसल सोनपुर मेला में थिएटर चलाने की अनुमति नहीं मिलने के कारण शनिवार को जोरदार हंगामा हुआ। स्थानीय लोगों ने थिएटर संचालकों के साथ मिलकर मेले को बंद करवा दिया। मेला घूमने आये लोग भी इधर-उधर भटक रहे हैं, उन्हें खाने-पीने का सामान भी नहीं मिल रहा है।
लोगों ने सरकारी प्रदर्शनी स्टॉल को छोड़कर सभी स्टॉल बंद करवा दिए हैं। लोगों में आक्रोश है। मेला बंद रहने को लेकर सारण जिला प्रशासन ने अब तक किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है। हज़ार से अधिक लोग मेला देखने पहुंचे हुए हैं। उनका कहना है कि मेल बंद होने का किसी तरह का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया था। हालांकि यहाँ आने पर सभी स्टाल बंद है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक एशिया के नामी मेले को उखाड़कर राजगीर मेले में शिफ्ट कराने की कोशिश हो रही है। वहां हर एक चीज की लाइसेंस दे दी गई है लेकिन यहां लाइसेंस देने में मुश्किल पैदा कर रहे। एक सप्ताह हो गया है और अब तक थिएटर चलाने का लाइसेंस नहीं मिला। लाइसेंस नहीं मिलने की वजह से मेला उखड़ रहा है। सोनपुर मेले को डुबा दिया गया है। मेले की स्थिति बेहद खराब है। झूला, थिएटर सब बंद है। जानकारी के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने शुक्रवार को थियेटरों का लाइसेंस निर्गत कर दिया लेकिन नाराज थियेटर संचालकों ने इतने दिनों बाद दिए गए लाइसेंस को लेने से इंकार कर दिया। सभी दुकानों को बंद रख के नाराजगी दिखाएंगे।
स्थानीय लोगों ने ये भी कहा कि विदेश से जो लोग आ रहे हैं उन्हें यहां कुछ नहीं देखने मिल रहा ये शर्म की बात है। हर तरफ बिहार की बदनामी हो रही है। लोगों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने इस मेले का काला इतिहास लिख दिया है। मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब झूला, मौत का कुआं और थियेटरों का लाइसेंस देने में इतना विलंब कर दिया कि इसके दर्शकों प्रत्येक दिन वापस लौट रहे हैं।