वर्ष 2019 के अंत तक किसी ने सोचा भी न होगा की 2020 के प्रथम तिमाही में ही विश्व में एक ऐसा संकट खड़ा हो जायेगा जो किसी आ’तंकवाद या दो देश या देशों की लड़ाई, या क्षेत्रीय या जातीय या म’जहबी लड़ा’ई के कारण नहीं बल्कि एक ऐसे अति सूक्ष्म विषाणु के कारण होगा जो दुनिया के सबसे मज़बूत देशों और लोगों तक को घुटने पे ला पटकेगा, हलाकि आधुनिक सभ्यता ने कई सारी बी’मारियां तो देखि हैं मगर फिर भी स्वास्थ, खास कर जन-स्वास्थ तथा सामुदायिक चिकित्सा उसमे भी निरोधात्मक चिकित्सा पे न तो ज्यादातर लोग बात करना चाहते हैं, न ही कभी ये चुनावों या जन सरोकार का मुद्दा बनता है और न सरकारें इस्पे अधिक खर्च (जो की वाकई में खर्च नहीं निवेश होता) करना चाहती हैं, जिसका नतीजा आज वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिदिन अरबों के घाटे के रूप में झेल रही है जिसका प्रभाव अमीर-गरीब सब पर होना हैं।
हालांकि इतने दिनों में अबतक आप ये तो जान ही गए होंगे की कोविड19 बीमारी जो की नावेल कोरोना वायरस से फैलती है और इसके संचार का मुख्य माध्यम खांसते/छींकते/बोलते समय हमारे नाक या मुँह से निकलने वाले अति सूक्ष्म बूंदों के या तो सामने वाले व्यक्ति के आँख/नाक/मुँह में सीधे चले जाने या फिर उन बूंदों का उसके हांथो या किसी अन्य वस्तु पर परने तथा फिर गंदे हांथों या वस्तु का हमारे आँख/नाक/मुँह के संपर्क में आने पर होता है । चुकि अबतक इस बीमारी का कोई कारगर इलाज या बचाव हेतु भी कोई टिका तैयार नहीं हो सका है अतः इससे बचाव का एकमात्र तरीका है इसके संक्रमण से बचना जिसमे की अपने हांथों को साबुन से धोना या फिर किसी अन्य ऐसे सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना जो की वायरस को निष्क्रिय करने में कारगर हो तथा अपने आँख, नाक एवं मुँह को इस प्रकार ढक के रखना की किसी भी संभावित संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर कोई भी ड्रॉपलेट हमारे इन हिस्सों से अंदर प्रवेश न कर सके या सबसे अच्छा ऐसे व्यक्ति/सामूहिक स्थान से दूर रहना।
वायरस संक्रमण तथा करेंसी नोट/सिक्कों का संबंध :
निर्जीव वस्तु जिन्हे हम फोमाइट भी कहते हैं उनपे कोई भी जीवाणु या विषाणु कई बार अलग अलग माध्यम से आ कर चिपक जाता है और कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक जीवित/सक्रिय अवस्था में चिपका रह सकता है जिससे उस वस्तु को फिर से कोई छुए तो वह जीवाणु/विषाणु उस छूने वाले सतह से चिपक जाता है और फिर वह जहाँ-जहाँ स्पर्श होगा वह वह फैलता जाता है ।हालांकि ये अबतक ये तय नहीं हो पाया है की नावेल कोरोना वायरस कितने तापमान में किस प्रकार के निर्जीव सतह पर कितने देर सक्रिय अवस्था में रह सकता है, मगर ये अवधि कुछ घंटों से लेकर कुछ हफ्ते तक की हो सकती है। हालांकि लोग कई बार कई प्रकार के सतह को छूने के बाद हांथों को साबुन या सैनिटाइज़र से साफ़ तो कर लेते हैं या ऐसी सतहों (जैसे की दरवाजे की कुण्डी या हैंडल, सार्वजानिक नालों के हैंडल , बस या कार का हैंडल , लिफ्ट के बटन इत्यादि )को छूने से है बचते हैं परन्तु न के बराबर लोग सिक्कों या नोटों को छूने से मना करते है या उसके बाद हांथों को सही ढंग से साफ़ करते हैं , अब ज़रा सोंचिये की करेंसी नोट/सिक्का (जो की किसी भी मुल्क का हो सकता है ) कितने तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या एक स्थान से दूसरे स्थान जा सकता है ?
तो एक उदहारण लेते हैं :
व्यक्ति “क” जो की कोरोना वायरस से ग्रसित है छींकता है और छींकते वक़्त मुँह पे रुमाल भी रखता है परन्तु वह रुमाल वह जिस पॉकेट में रखता है उसी में उसने सौ रुपये का नोट रखा होता है और वह देश के उत्तरी छोड़ के राज्य के एक एयरपोर्ट से बाहर निकलता है तथा उसे टैक्सी ड्राइवर को देता है जो की स्वस्थ है, टैक्सी ड्राइवर नोट छूता है और अनजाने में अपने चेहरे को छूता है तथा दूसरा व्यक्ति “ख” उसके टैक्सी से वापस एयरपोर्ट जाता है तथा छुट्टे के तौर पर टैक्सी ड्राइवर “ख” को वही सौ का नोट देता है, “ख” आराम से नोट लेता है सामान उठाता है, अपने प्लेन में आकर बैठता है जो की देश के सुदूर दक्षिणी राज्य जा रहा होता है तथा बैठने के बाद वह हांथो को सैनिटाइज भी करता है, यात्रा के बाद वह प्लेन से उतर कर घर जाता है और अपने काम वाली को पगार देता है जिसमे वही सौ का नोट है, काम वाली अपने घर जाते वक्त उस नोट से सब्जी, सब्जी वाला उस नोट से चाय, चाय वाला दूध और दूध वाला टैक्सी लेता है और एक दिन में नोट एक हाँथ से दूसरे हाँथ एक जगह से दूसरे जगह घूम रहा होता है और उस नोट के साथ-साथ उसपे बैठे जीवाणु और विषाणु भी।
अब ज़रा सोंचिये की यदि व्यक्ति “क” ने सौ रुपये के नोट के जगह क्यू.आर. कोड या ऐसे ही किसी अन्य माध्यम से पैसे दिए होते तो क्या बेहतर नहीं होता ?
अतः कृपया हांथों को मिलाने के जगह नमस्ते करने की या अपने हांथो को साफ़ और चेहरे ढंकने की आदत या भीड़ भार से दूर रहने की आदत ही न अपनाएं , इनके साथ साथ ही साफ़ हांथों से चीजों को छूने एवं चीजों (चाहे वो कितनी ही कीमती क्यू न हो) यदि उसे एक से अधिक लोग छूने वाले हैं या छुए हैं तो छूने से पहले एवं उसके बाद भी हांथों को अच्छे तरीके से साफ़ कर लें एवं कोशिश करें की ज्यादा से ज्यादा लेन देन अथवा अन्य कार्य भी डिजिटल माध्यम से ही करें।
मानवता की इस लड़ाई में सब मिल कर आगे बढ़ें और हर तरह से तैयार रहें।
Courtesy : Anshuman