नई दिल्ली. भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने आम लोगों की सुरक्षा के मद्देनज़र 1200 यात्री डिब्बों में आरएफआईडी टैग (RFID Tag) लगाया हैं. रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया हैं कि साल 2021 तक रेलवे के सभी कोचों, मालगाड़ियों के डिब्बों में आरएफआईडी टैग लगाया जाएगा. साथ ही, 182 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर भी नजर रखी जा सकेगी. अभी मालगाड़ियों के करीब 22 हजार डिब्बों और 1200 यात्री डिब्बों में आरएफआईडी टैग लगा है. आपको बता दें कि यह एक रेडिया फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक (RFID Technology) टेक्नोलॉजी है और इसके जरिए आसानी से ट्रैक कर सकते हैं.

इससे क्या होगा- रेलवे अपने ट्रैकिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहा हैं. अब आरएफआईडी टैग के जरिए रेलवे ट्रेनों के कोच पर आसानी से नज़र रख सकेगा. साथ ही, मालगाड़ियों से सामान चोरी होने की घटनाओं की टेंशन से भी मुक्ति मिलेगी.

सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोरों पर काम जल्द पूरा होगा

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने बुधवार को कहा कि रेलवे ने हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोरों के लिए छह सेक्शन चिह्नित किये हैं तथा तीन सेक्शन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) एक साल में पूरी हो जाएगी.

आम बजट से पहले ब्रीफिंग में यादव ने कहा कि छह कॉरिडोरों में दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी और दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद सेक्शन शामिल हैं.अन्य कॉरिडोर में मुंबई-नासिक-नागपुर, मुंबई-पुणे-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलोर-मैसूर और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर शामिल हैं.रेलवे का ऐतिहासिक प्रोजेक्ट जल्द होगा शुरू

भारतीय रेल (Indian Rail) के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि DFC के वेस्टर्न कॉरिडोर पर रेवाड़ी से मदार के बीच मालगाड़ियों का ट्रायल रन शुरू हो गया है. यह सेक्शन 306 किलोमीटर लंबा है और इसपर डबल स्टैक की मालगाड़ी दौड़नी शुरू हो गयी है, यानी एक के ऊपर रखे गए कंटेनर वाली मालगाड़ी है.

यही नहीं इस कॉरिडोर पर ऐसी दो मालगाड़ी एक साथ जुड़कर चल सकती हैं और वो भी 100 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकेंगी. DFC मालगाड़ियों के चलने के लिए बनाई गई रेल लाइन है.

भारतीय रेल

इसे भारतीय रेल के लिहाज से ऐतिहासिक प्रोजेक्ट माना जाता है. इससे न केवल माल ढुलाई सस्ती और समय पर होगी बल्कि ये पैसेंजर ट्रेनों को भी चलने के लिए खाली जगह देगा और ट्रेनें समय पर चल पाएंगी.

आपको बता दें कि DFC का बड़ा योगदान भारत की अर्थव्यवस्था पर होगा. यह माल ढुलाई को इतना सस्ता कर देगा. माना जा रहा है कि दिसंबर 2021 तक दोनों ही DFC के पूरी तरह ऑपरेशनल होने के बाद भारत का लॉजिस्टिक कॉस्ट 9% तक आ जायेगा. यह फिलहाल 15% के आसपास है.

Input : News18

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