जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मुजफ्फरपुर के तत्वाधान में सभागार, समाहरणालय मुजफ्फरपुर में अगलगी की रोकथाम, जोखिम न्यूनीकरण एवं पूर्व तैयारी हेतु एक दिवसीय कार्यशाला – सह – समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह ने की।
कार्यशाला में जिला स्तरीय सभी वरीय पदाधिकारी एवं संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया एवं गर्मी के दिनों में होने वाली अगलगी की घटनाओं के रोकथाम तथा न्यूनीकरण पर विचार विमर्श किया। साथ ही पूर्व तैयारी के स्तर को बेहतर बनाने व अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु विभागवार रणनीति बनाई गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि गर्मी के दिनों में अगलगी की घटनाओं को रोकने के दृष्टिगत सभी विभाग सभी स्तर पर तैयारी सुनिश्चित कर लें, पदाधिकारी अग्नि दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर हॉट स्पॉट चिन्हित तथा सूचीबद्ध करें। उक्त क्षेत्रों में अग्नि निरोधात्मक उपाय करने के साथ प्रशिक्षण तथा माकड्रिल के माध्यम से आमजन को जागरूक करें। उन्होंने अग्निकांड प्रभावितों को 24 घंटे के भीतर नियमानुसार सहायता उपलब्ध कराने हेतु सम्बंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया।
कार्यशाला का संचालन कर रहे श्री अतुल कुमार वर्मा, अपर समाहर्ता आपदा (मुजफ्फरपुर) ने अगलगी की रोकथाम हेतु विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की। उन्होंने सभी इमरजेंसी सपोर्ट फंक्शनरीज़ विभागों द्वारा अगलगी की रोकथाम हेतु की जा रही तैयारियों की समीक्षा की तथा अग्निशमन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अस्पतालों, स्कूलों, सरकारी भवनों, सिनेमाघरों, शापिंग माल, शोरुम, सघन बाज़ार जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों का फायर ऑडिट करते शीध्र कर लें तथा सम्बंधित कर्मियों को प्रशिक्षित करें। स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों में बर्न वार्ड व आइसोलेशन वार्ड में समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
कार्यशाला में सभी विभागों तथा हितभागी एजेंसियों ने अगलगी के मद्देनजर की जा रही पूर्व तैयारियों के बारे में वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया तथा प्रखंड से लेकर पंचायतों में जागरूकता प्रशिक्षण आयोजित करने पर विशेष बल दिया।
मो० साकिब खान, कंसल्टेंट, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मुजफ्फरपुर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जिला में अगलगी घटनाओ के विश्लेषित आंकड़ों के बारे में जानकारी देते हुए कहा की अगलगी के दृष्टि से मुजफ्फरपुर बिहार के 12 अति संवेदनशील जिलों में से एक है। उन्होंने कहा कि सौर उर्जा के प्रयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में झोंपड़ी तथा पशुबाड़े में अगलगी की रोकथाम हो सकती है।
प्रमोद कुमार, सहायक अग्निशमन पदाधिकारी ने कहा कि अगलगी का प्रमुख कारण बिजली शार्ट सर्किट तथा गैस सिलिंडर में लीकेज है। उनके नेतृत्व में फायर ब्रिगेड टीम ने समाहरणालय परिसर में अग्नि शमन में प्रयोग किये जाने वाले उपकरणों को प्रदर्शित किया तथा माकड्रिल के माध्यम से अग्निशामक यंत्र के संचालन तथा गैस सिलिंडर की आग को बुझाने का अभ्यास किया।
पूजा प्रीतम प्रभारी अधिकारी (आपदा प्रबंधन), मुजफ्फरपुर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी विभागों तथा रिस्पांस एजेंसियों को गंभीरता से अग्निकांड जैसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा।
कार्यशाला में कमल सिंह, डीपीआरओ, फैय्याज अख्तर, पंचायती राज पदाधिकारी, उदय कुमार झा, सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, करिश्मा कुमारी, पीजीआरओ, राजीव रंजन, प्रधान लिपिक, आपदा प्रशाखा सहित विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी तथा प्रखंड स्तरीय समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे ।