यह बिहार है, यहां कुछ भी हो सकता है। अब गया में जो कुछ हुआ, इसकी कल्‍पना तक नहीं की जा सकती है। मरीज गया था हाइड्रोसिल का ऑपरेशन कराने, डॉक्‍टर साहेब ने कर दिया पैर को। यह पूरा मामला है अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का। वहां के सर्जरी वार्ड में भर्ती मरीज 55 वर्षीय भुवनेश्वर यादव का हाइड्रोसिल के बजाय पैर का ऑपरेशन कर दिया गया। हंगामा होने पर आनन-फानन अस्पताल प्रबंधन ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी। अब कमेटी ने गलती को सही कहते हुए मुहर लगा दी।

सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेश चौधरी ने सफाई दी और कहा कि 55 वर्षीय भुवनेश्वर यादव के पैर के घाव के ऑपरेशन नहीं कर हाइड्रोसिल का कर दिया जाता तो सफल नहीं होता, इसलिए पहले पैर में रहे घाव का ऑपरेशन किया गया। पैर का जख्म ठीक होते ही हाइड्रोसिल का ऑपरेशन होगा।

परैया के पुनाकला गांव के रहने वाले भुवनेश्वर और उनके परिजनों ने बताया कि हाइड्रोसिल के ऑपरेशन कराने के लिए एक सप्ताह पूर्व मगध मेडिकल में भर्ती हुए। दाएं पैर में फाइलेरिया हुआ था, जिससे एक छोटा सा घाव हो गया था। यहां के चिकित्सकों ने जांच के बाद बताया कि हाइड्रोसिल का ऑपरेशन किया जाएगा। दो सितंबर को हाइड्रोसिल के ऑपरेशन करने की बात कहकर चिकित्सक ऑपरेशन थियेटर में ले गए। वहां पैर के घाव का ऑपरेशन कर दिया। पूछने पर कहा गया कि घाव ठीक होने के बाद ही हाइड्रोसिल का ऑपरेशन होगा।

 

मरीज भुवनेश्वर ने बताया कि घाव से ज्याद तकलीफ हाइड्रोसिल से हो रही थी। हाइड्रोसिल का ही ऑपरेशन होना चाहिए था। इसके लिए एक टीम गठित की गई है। इस मामले की चर्चा पूरे शहर में हो रही है।

Input : Dainik Jagran

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