पुरानी कहावते बुढ़ सुगा पोश नहीं मानती को आज के वर्तमान युग मे झुठला कर रख दी है पुरैना गावं की एक अनपढ़ बहु ने. इस बहु ने तो ऐसा कर दिखाया कि जहां उसे रोज तानों व ठुल सुनने को मिलता था उसी ताने व ठुल को उसने अपने जहन में लेकर एक मिशाल कायम कर दिखाया. जिसपर अब ठुल मारने वाले लोग ही उस बहु पर गर्व करने लगे हैं और वह अब गांव ही नही बल्कि देश समाज के लिए एक प्रेरणाश्रोत बन गई है.
यह कहानी है उस बहु की जिसने अपने ससुराल में जब कदम रखी तो वह पूर्णतः अनपढ़ थी. जिसे क ख ग घ तक नहीं आता था. इसके वावजूद वह अपने पढ़े लिखे बी ए पास पति से ही चारदीवारी के भीतर पढ़ कर मैट्रिक, इण्टर, बी ए पास कर गृह रक्षा वाहिनी की कमान सम्भालकर आज के समाज मे प्रेरणा स्रोत बन गई है. अब नारी अनपढ़ नहीं बल्कि किसी भी उम्र में वह पढ़ कर नौकरियां हासिल कर सकती है.
यह कहानी है शेखपुरा जिले के पुरैना गांव की एक बहु रिंकू देवी की. रिंकु पुरैना के भोला प्रसाद साव की पत्नी है और इसी जिले के कोयला गावं निवासी सरयुग साव का लाडली बेटी है. रिंकु ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 1995 में हुई, परन्तु उस समय पढाई में वह शून्य थी. ससुराल आते ही उसका बीए पास पति ने उसे शून्य से पढ़ाई कराना शुरू किया. मैट्रिक, इंटरमीडिएट, उसके बाद बीए तक कि पढ़ाई करवाई जिसके उपरान्त रेलवे टीचर सहित अन्य कम्पीटीशन की भी तैयारियां कराई.
रिंकु ने बताया कि पढ़ने के दौरान उसे लोग ठुल्लू भी किया करते थे कि अब तो पढ़ कर झामा गुडेगी. इसके बाद वो गृह रक्षा वाहिनी का फॉर्म भरी और लोगों के द्वारा मजाक उड़ाए जाने के कारण मध्य रात्रि व सुबह के अंधेरे में ही पति टॉर्च जलाता था और वह दौड़, ऊंची व लम्बी कूद की तैयारियां सड़कों पर करती थी. रिंकू की मेहनत रंग लाई और वह इसमें पास कर गई.
बिहटा दानापुर से 45 दिनों की ट्रेनिंग लेने के बाद उसका ज्वाइनिंग हुआ. रिंकू की पहली ड्यूटी चुनाव में लगी और अभी मंडल कारा शेखपुरा में ड्यूटी कर रही है. वह बताती है कि हर बहु बेटियों को चारदीवारी से निकल कर अच्छी पढ़ाई करते हुए नौकरियां लेनी चाहिए. रिंकू बताती है कि हमारे लिए पति ही एक गुरु भी हैं जिसने हमे पढ़ा कर इस मुकाम तक पहुंचाया.
रिंकू की बहादुरी भी क्षेत्रों में चर्चित है. लोग बताते हैं कि एक बार शेखपुरा पुरैना सड़क में बरुई मोड़ के समीप शेखपुरा से पढ़ कर आ रही लड़कियों को कुछ मनचले उसका रास्ता रोक छेड़खानी कर रहे थे. उसी समय पुरैना की तरफ से एक सवारी वाहन आई और रुकी. इसके बाद वाहन में बैठी महिला रिंकु वाहन से उतरते ही उन मनचलों पर शेरनी की तरह टूट पड़ी. जिससे तुरन्त ही सारे मनचले वहां से भाग निकले. यह चर्चाएं सभी जगह आग की तरह फैल गई और इसके बाद लोग उसकी हिम्मत की दाद देने लगे.
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