कोरोना संक्रमण के बीच Lockdown में रही देश दुनिया के बाद अब भारत में धीरे-धीरे अनलॉक UNLOCK INDIA की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। दरअसल पिछले 1 साल से देश में लॉकडाउन के चलते मार्केट से लेकर घरों से बाहर निकलना तक काफी हद तक बंद बना हुआ था। इसी कड़ी में देश के विभिन्न Mandir में भी कोरोना के चलते लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई थी।
ऐसे में अब अनलॉक की प्रक्रिया के बीच देश में Mandir का खुलना Temple Opening शुरु हो गया है। जिसके चलते Re-Opening Of Temples In India भक्तों में खुशी की लहर दौड़ रही है। वहीं इन मंदिरों के खुलने के बाद भी भक्तों को कुछ खास गाइडलाइन का अभी पालन करना होगा।
मई 2021 में जहां केदारनाथ, Badrinath सहित कई मंदिरों के द्वारा खोले गए। वहीं कोविड-19 को देखते हुए भक्तों के लिए यात्रा और दर्शन पर रोक लगा दी गई। वर्तमान में यहां केवल पुजारी-रावल सहित कुछ लोगों ही रुककर पूजा अर्चना कर रहे हैं।
Uttrakhand Government ने कोरोना कफ्यू 22 जून तक बढ़ा दिया है। वहीं सामने आ रही सूचना के अनुसार स्थानीय लोगों के लिए बद्रीनाथ, Kedarnath, गंगोत्री व यमनोत्री के लिए सशर्त अनुमति दे दी है। वहीं उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि 16 जून को Chardham Yatra को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई है। इसके बाद ही चारधाम यात्रा शुरु करने पर फैसला लिया जाएगा।
वहीं इसके बाद अब मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर Corona Pandemic के कारण करीब दो महीने बंद रहने के बाद आज यानि सोमवार, 15 जून से खोला जा रहा है। तीनों काल के पुजारी सुबह 11 से 12 बजे तक विशेष मुहूर्त में पूजा करेंगे। इसके बाद मंदिर आम लोगों के लिए खोला दिया जाएगा।
दर्शन के लिए ये हैं नियम…
यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना वैक्सीन लगवाने का प्रमाण पत्र देना होगा। टीकाकरण के प्रमाण पत्र देखने बाद ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा। मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग होगी व आटोमैटिक सैनिटाइजर मशीन से हाथ साफ कराए जाएंगे। एक ट्रे में जल भरा रहेगा, उसमें पैर धोकर मंदिर परिसर में प्रवेश कराया जाएगा। मास्क लगाना व शरीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य है।
वहीं कालों के काल Mahakal के उज्जैन स्थित मंदिर के द्वार 28 जून से खुलने जा रहे हैं। जिसके बाद यह आम श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह खुल जाएंगे।
यह है गाइड लाइन…
28 जून से खुलने वाले बाबा महाकाल के मंदिर में 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर (RTPCR) की रिपोर्ट या वैक्सीन के सर्टीफिकेट लाना जरूरी होगा। तभी प्रवेश मिल सकेगा। इसके अलावा मंदिर परिसर में ही एंटीजन टेस्ट की सुविधा भी शुरू हो रही है, इसकी रिपोर्ट के बाद मंदिर में प्रवेश मिल सकेगा।
यहां भी रहेंगे ये नियम…
महाकाल मंदिर के अलावा उज्जैन के काल भैरव और Mangalnath Temple में न सिर्फ उज्जैन और आसपास के बल्कि बड़ी संख्या में देश-विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में 28 जून से महाकाल मंदिर में आने वालों को वैक्सीनेशन का सर्टीफिकेट, 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर दिखाना जरूरी रहेगा।
मंदिर परिसर के बाहर भी एक कोरोना टेस्ट करने वाली यूनिट मौजूद रहेगी, जो श्रद्धालुओं का एंटीजन टेस्टकर तत्काल रिपोर्ट देगी। इसके बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश मिल सकेगा।
वहीं हरियाणा के धार्मिक स्थलों पर आज यानि 15 जून 2021 से एक समय पर 21 लोगों जा सकते हैं। वहीं देव भूमि उत्तराखंड में जहां कुछ मंदिर तो अभी भी एक सीमा के तहत खुले हुए हैं, वहीं कुछ मंदिरों जैसे बद्रीनाथ, केदारनाथ को खोलने के बाद भी वहां भक्तों के प्रवेश पर रोक लगी हुई है।
ऐसे में देव भूमि उत्तराखंड में भी कई मंदिर निश्चित संख्या में लोगों की एंट्री और गाइडलाइन के साथ खोलने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह देश के अन्य राज्यों में भी मंदिरों को खोले जाने का सिलसिला शुरु हो चुका है। जिनमें से कई जगहों पर तैयारियां भी पूरी कर ली गईं हैं। वहीं सामने आ रही सूचना के अनुसार सभी जगहों के लिए खास गाइडलाइन भी जारी की जाएगी।
गाइडलाइन के तहत अधिकांश जगहों पर भक्तों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। कई जगहों पर अभी कुछ निश्चित आयु वर्ग के लोगों के प्रवेश पर रोक रह सकती है। इसके अलावा यहां चढ़ाने के लिए प्रसाद, माला या अन्य कोई भी वस्तु लाना मना रहेगा। वहीं भेंट राशि मंदिर के समर्पण पात्र में ही डालनी होगी। इसके अलावा शारीरिक दूरी का ध्यान रखना होगा