सरकार आधार (Aadhaar) की जानकारियां प्रदान करने पर तत्काल ऑनलाइन पैन कार्ड (Online PAN Card) जारी करने की सुविधा इस महीने से शुरू करने जा रही है. राजस्व सचिव (Revenue Secretary) अजय भूषण पांडेय ने इसकी जानकारी दी है. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में एक फरवरी को पेश आम बजट (Budget) 2020-21 में पैन आवंटन करने की प्रक्रिया को आसान करने का प्रस्ताव किया गया था. बजट में कहा गया था कि इसके लिये आधार के जरिये तत्काल आधार पर स्थायी खाता संख्या (PAN) जारी करने की सुविधा दी जाएगी.

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ऐसे मिले ई-पैन

पांडेय ने यह पूछे जाने पर कि इस सुविधा की शुरुआत कब से होगी, पीटीआई भाषा से कहा, प्रणाली को तैयार किया जा रहा है. इस महीने से इसकी शुरुआत होगी. उन्होंने इस सुविधा को विस्तार से समझाते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति आयकर विभाग (Income Tax Department) की वेबसाइट पर जाकर इसका लाभ उठा सकता है. उसे इसके लिये आधार संख्या प्रस्तुत करने की जरूरत होगी, इसके बाद उसे आधार के साथ पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी (OTP) मिलेगा. ओटीपी से आधार की जानकारियों का सत्यापन होगा. इसके बाद तत्काल पैन जारी हो जाएगा और उपभोक्ता अपना ई-पैन (e-PAN) डाउनलोड कर सकेंगे.

17.58 करोड़ पैन धारकों ने पैन के साथ आधार नहीं जोड़ा

सरकार ने पैन धारकों के लिये पैन के साथ आधार को जोड़ना अनिवार्य कर दिया है. देश में 30.75 करोड़ से अधिक पैन धारक हैं. हालांकि 27 जनवरी 2020 तक 17.58 करोड़ पैन धारकों ने पैन के साथ आधार को नहीं जोड़ा था. इसकी समयसीमा 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रही है. नयी सुविधा से करदाताओं को आवेदन फॉर्म भरने तथा कर विभाग में जाकर जमा करने से छुटकारा मिलेगा. कर विभाग को भी डाक के जरिये पैन कार्ड उपभोक्ताओं के पते पर भेजने से छुटकारा मिलेगा.

चार्टर का पालन नहीं करने वाले टैक्स अधिकारी को किया जाएगा दंडित

पांडेय ने प्रस्तावित करदाता चार्टर की कार्यप्रणाली के बारे में कहा कि अभी तक सारे कर कानून करदाताओं की जिम्मेदारियां तय करते हैं. हालांकि कर विभाग के लिये इस तरह से कोई जिम्मेदारी नहीं तय की गयी हैं. इसके पीछे यही विचार है कि कर विभाग के लिये भी इस तरह की जिम्मेदारियां तय की जायें. उन्होंने कहा कि यदि कोई कर अधिकारी चार्टर का पालन नहीं करेगा तो उसे दंडित किया जाएगा.

पांडेय ने कहा, पूरी प्रक्रिया इस बारे में है कि हमारी प्रणाली भरोसे पर आधारित होनी चाहिये, ऐसी प्रणाली जिसमें करदाताओं को परेशान नहीं किया जाये. इसके लिये हमें कर अधिकारियों और करदाताओं के आमने-सामने होने की जरूरत को न्यूनतम बनाना होगा, अधिकांश समस्याओं को ऑनलाइन सुलझाया जा सकता है, पूरी प्रणाली बेहद सामान्य होगी. हमने आकलन के लिये अधिकारियों और करदाताओं के आमने-सामने होने की जरूरत को समाप्त किया, अब अपील को लेकर भी ऐसी व्यवस्था की गयी है, हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

Input : News18

 

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