कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप कुछ देशों में तो थम गया है, लेकिन कुछ जगह ये वैश्विक महामारी (Pandemic) भयंकर रूप लेती जा रही है. अमेरिका (US) की हालत सबसे ज्यादा खराब है. वहां अब तक 13,22,154 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 78,616 लोगों की गंभीर संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है. अमेरिका में हर दिन नए मामले सामने की रफ्तार भी थमने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, पूरी दुनिया में अब तक 2,76,237 लोगों की मौत हो चुकी है.
इस बीच दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना का कारगर इलाज (Treatment) और वैक्सीन (Vaccine) बनाने की कोशिशों में दिनरात जुटे हैं. इसके अलावा जल्द से जल्द टेस्ट रिजल्ट हासिल करने के नए-नए तरीके भी खोजे जा रहे हैं. इसी क्रम में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रशन (FDA) ने घर पर ही लार (Saliva) के जरिये कोरोना टेस्ट करने के लिए बनाई गई नई टेस्ट किट (Corona Test Kit) को मंजूरी दे दी है.
जांच के लिए संदिग्ध को चुकाने होंगे 100 डॉलर
लार के जरिये कोरोना जांच के लिए ये टेस्ट किट रुटगर्स यूनिवर्सिटी की लैब आरयूसीडीआर इनफाइनाइट बायोलॉजिक्स और स्पेक्ट्रम सॉल्यूसंस व एक्यूरेट डायग्नोस्टिक्स ने मिलकर बनाई है. इस किट से जांच की दर 100 डॉलर (करीब 7549 रुपये) तय की गई है. इसे इस्तेमाल करने के लिए डॉक्टर की अनुमति लेना जरूरी है. इस तरह की जांच किट को पहली बार मंजूरी दी गई है.
दरअसल, पिछले महीने एफडीए की ओर से रुटगर्स को परीक्षण स्थलों से कोरोना संक्रमितों की लार के नमूने जमा करने अनुमति दी गई थी. अब रुटगर्स को इस किट को घर पर उपयोग में आने वाली कलेक्शन किट (Collection Kit) के तौर पर बेचने की मंजूरी दे दी गई है. रुटगर्स ने कहा कि इस किट से जांच के लिए मरीज से 100 डॉलर लिए जाएंगे. आरयूसीडीआर के सीईओ डॉ. एंड्र ब्रुक्स ने बताया कि इसका इस्तेमाल बहुत आसान है.
लार का सैंपल किट में लेकर भेजना होगा लैब
कोई भी कोरोना संदिग्ध व्यक्ति घर में टेस्ट किट खोलकर ट्यूब में अपनी लार इकट्ठी कर कैप बंद कर देगा. इसके बाद संदिग्ध को इस किट को टेस्ट लैब में भेजना होगा. डॉ. ब्रुक्स ने हिदायत दी है कि इसका इस्तेमाल उन्हीं लोगों को करना चाहिए, जिनमें कोरोना के लक्षण हों. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रुटगर्स ने कहा कि इस टेस्ट किट की मदद से हम रोजाना 20,000 नमूनों की जांच कर सकते हैं. इसे हम 30,000 टेस्ट रोजाना तक ले जाएंगे.
रुटगर्स ने कहा कि दूसरी लैब्स को भी इस किट से जांच करने के लिए आगे आना चाहिए. बता दें कि एफडीए की ओर से लार के जरिये कोरोना टेस्ट को अनुमति देना तत्काल जांच के उपाय तलाश करने के प्रयास का हिस्सा है. इस एजेंसी ने पिछले महीने लैबकॉर्प की ओर से बनाई गई एक जांच किट को मंजूरी दी थी. घर में इस्तेमाल की जा सकने वाली इस किट में मरीज को खुद अपनी नाक से स्वाब सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजना था.
संक्रमण फैलने से रोकने में भी मिलेगी मदद
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के कई राज्य जांच किट की कमी का सामना कर रहे हैं. ऐसे में इस नई किट के जरिये बहुत तेजी से ज्यादा से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच करने में काफी मदद मिलेगी. इस किट के कारण संदिग्ध कोरोना मरीज को टेस्ट सेंटर्स पर आने की जरूरत नहीं होगी. वे घर पर सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज सकेंगे. इससे संक्रमण के फैलने की रफ्तार पर भी अंकुश लगाया जा सकता है.
तर्क दिया जा रहा है कि अगर संदिग्ध को टेस्ट सेंटर्स नहीं जाना होगा तो दूसरे लोगों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाया जा सकेगा. एफडीए के आयुक्त डॉ. स्टीफन हैन ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा कि यह लोगों पर निर्भर है कि वे किस तरह से जांच कराना पसंद करते हैं. हालांकि, कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि घर में किट से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. उनके मुताबिक, संदिग्ध लोगों को अपने टेस्ट रिजल्ट मिलने में ज्यादा समय लगेगा. साथ ही उन्हें इसके लिए पैसे भी खर्च करने होंगे.
Input : News18