रांची : उत्पाद विभाग राज्य के छोटे शहरों या कस्बों की किराना दुकानों में भी श’राब बेचना चाहती है. इसके लिए झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2018 के नियमाें में संशोधन करने का प्रस्ताव बनाया गया है.
प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजने से पूर्व मुख्यमंत्री (मुख्यमंत्री उत्पाद विभाग के मंत्री भी हैं) की स्वीकृति के लिए भेजा गया था. मुख्यमंत्री सचिवालय ने नगर पर्षद एवं नगर पंचायतों किराना दुकानों में शराब बेचने की आवश्यकता की समीक्षा करते हुए फिर से प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया है. किन दुकानों पर मिलेगी शराब : उत्पाद विभाग द्वारा तैयार किये गये प्रस्ताव में राज्य के सभी नगर निकायों में सालाना 30 लाख रुपये का जीएसटी रिटर्न भरने वाले किराना दुकानों को शराब बेचने की अनुमति प्रदान करने की बात कही गयी है. प्रस्ताव में उल्लेखित सभी नगर निकायों से मतलब नगर निगम, नगर पर्षद व नगर पंचायत से है. कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य के सभी शहरी इलाकों की परचून या किराना दुकान लाइसेंस लेकर बीयर या शराब की खुदरा बिक्री कर सकेंगे. ऐसी दुकानों को उत्पाद विभाग का कोटा निर्धारित नहीं होने का भी फायदा मिलेगा. अभी केवल नगर निगम में दुकानों पर शराब बेचने का प्रावधान : राज्य में लागू झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2018 के मुताबिक, सालाना 50 लाख का जीएसटी रिटर्न दाखिल करनेवाले प्रतिष्ठानों में ही शराब बेचने की अनुमति प्रदान की गयी है.
हालांकि, उत्पाद विभाग ने व्यापारियों द्वारा अपनी दुकानों में शराब बेचने के लिए रुचि नहीं लिये जाने की वजह से जीएसटी रिटर्न में कमी करने का फैसला लिया है. पूर्व में निर्धारित जीएसटी रिटर्न में 20 लाख रुपये की कमी करने का प्रस्ताव तैयार किया है.
Input : Prabhat Khabar