अब परदेस के लोग शाही लीची का स्वाद चखेंगे। जंक्शन पर बरौनी से नई दिल्ली जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस की एसएलआर से नई दिल्ली पहली खेप एक दिन पूर्व भेजी गई।
काउंटर पर व्यापारी ने लीची की 34 पेटी बुक कराईं। प्राइवेट कर्मियों से ट्रेन के एसएलआर में पेटियां लोड कराईं। इससे व्यापारी परेशान रहे। रेलवे को इससे दस हजार रुपये आय प्राप्त हुई। जंक्शन से ट्रेन से लीची की पेटी भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है।
लोडिंग को सरल बनाने व व्यापारियों को बेहतर सुविधा देने के लिए कोई रणनीति तैयार नहीं की गई। हर साल लीची लोडिंग चालू होने से पहले अधिकारियों व व्यापारियों के बीच बैठक होती थी।
इसमें व्यापारियों को मिलने वाली सुविधाओं पर विचार होता था। व्यापारियों ने कहा कि लीची पूरी तरह तैयार नहीं हुई है। धीरे-धीरे इसे भेजने में तेजी आएगी। जंक्शन पर व्यापारियों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। इससे वे सड़क मार्ग से लीची भेजने को मजबूर होते हैं।
मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस है। दरभंगा में इस टे्रन का पार्सल वैन फुल होने पर जंक्शन पर लोडिंग नहीं हो पाती है। अधिकारी को बेहतर सुविधा देने के लिए पहल करनी चाहिए।
ट्रेन से लीची भेजने की प्रक्रिया आसान नहीं होने से इससे जुड़े व्यापारियों में नाराजगी है। इन व्यापारियों ने रेल अधिकारियों से लीची भेजने के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया है। लीची की खेप लगातार भेजी जाएगी। इस दिशा में व्यापारी सक्रियता के साथ लगे हुए है। ट्रेनों से ही इसे भेजने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
Input : Dainik Jagran