उत्तर प्रदेश के हाथरस की तरह ही बलरामुपर में भी एक दलित युवती से हैवानियत की बात सामने आई है. परिवार वालों का आरोप है कि उनकी 22 साल की बेटी के साथ न सिर्फ गैंगरेप हुआ, बल्कि उसकी दोनों टांगे और कमर भी तोड़ दी गई. हालांकि, पुलिस ने हाथ-पैर और कमर तोड़ने वाली बात से इनकार कर दिया है. वहीं घायल युवती ने अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

दरअसल मामला बलरामपुर के गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र का है, जहां यह 22 साल की युवती एक प्राइवेट फर्म में काम करती थी, हर रोज की तरह वो सुबह काम के लिए निकली, लेकिन शाम को काफी देर तक घर नहीं लौटी. घर वालों ने उसे फोन किया, लेकिन उसका फोन भी नहीं लगा.

इसके कुछ देर बाद युवती घायल हालत में रिक्शा में अपने घर पहुंची. घरवालों के मुताबिक, युवती कीचड़ से लथपथ थी और उसके हाथ में ग्लूकोज चढ़ाने वाला वीगो लगा था. साथ ही रिक्शा की सीट पर भी खून के धब्बे थे. घायल युवती से जब उसकी मां ने इस हालत के बारे में पूछा, तो उसने बस इतना ही कहा, “बहुत दर्द है अब मैं बचूंगी नहीं.”

“लड़की को इंजेक्शन देकर किया गया गैंगरेप”

इसके तुरंत बाद घरवाले उसे अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन कुछ दूर पर ही उसने दम तोड़ दिया. घरवालों का आरोप है कि उनकी लड़की को इंजेक्शन लगाकर गैंगरेप करने के बाद कमर और दोनों टांगों को तोड़कर रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया गया, जिसके बाद वो कुछ भी बोल नहीं पा रही थी.

हालांकि, बलरामपुर एसपी देव रंजन वर्मा ने हाथ-पैर और कमर तोड़ने की बात से इनकार किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि परिवार वालों की शिकायत पर दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है.

“पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हाथ-पैर और कमर तोड़ने की पुष्टि नहीं”

बलराम पुलिस के मुताबिक, “उक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हाथ-पैर और कमर तोड़ने वाली बात सही नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है.”

Source : TV9 Bharatvarsh

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