मुजफ्फरपुर : सब कुछ ठीक रहा तो इलाके के किसान सालोंभर अपने खेत में लीची का उत्पादन कर पाएंगे। इसके लिए लीची वैज्ञानिक शीघ्र ही शोध शुरू कर सकते है। भाभा परमाणु शोध केंद्र (बीएआरसी) मुंबई के संयुक्त सचिव (प्रशासन एवं बही खाता) संजय कुमार ने वैज्ञानिकों से सालोंभर लीची के उत्पादन के लिए शोध करने की सलाह दी। शुक्रवार को मुशहरी स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र का भ्रमण करने पहुंचे संयुक्त सचिव ने लीची की सालभर खेती करने के लिए शोध करने की सलाह दी। उन्होंने लीची से निर्मित विभिन्न उत्पाद का निरीक्षण कर जरूरी सुझाव भी दिए। भाभा परमाणु शोध केंद्र, मुंबई के सहयोग से राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में लगे लीची ट्रीटमेंट प्लांट का भी उन्होंने अवलोकन किया। वहीं कहा कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कम दर पर प्रयोग करने के लिए इसे किसानों को दी जानी चाहिए। उन्होंने लीची पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी देखी। अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शेषधर पांडेय ने केंद्र द्वारा पूर्व में प्रकाशित पठन सामग्री का विवरण भी दिया। मौके पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉं. अभय कुमार व डॉ. अलेमवती पोगेनर मौजूद थे। नागपुर से इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त कर आइआरएस बने संजय कुमार, मुजफ्फरपुर के ही रहनेवाले हैं।

 

भाभा परमाणु शोध केंद्र के संयुक्त सचिव ने सालोंभर लीची की खेती के लिए वैज्ञानिकों को दी शोध की सलाह

 

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