अयोध्या. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) को लेकर बड़ी खबर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को भूमि पूजन (Foundation Laying) के लिए तीन अगस्त और पांच अगस्त की तारीख भेजी गई है. जो भी तारीख फाइनल की जाएगी उस दिन प्रधानमंत्री भूमि पूजन के लिए अयोध्या (Ayodhya) पहुंच सकते हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की मंजूरी के बाद राम मंदिर निर्माण की तारीख का निर्णय होगा.
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शनिवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को भूमि पूजन के लिए तीन और पांच अगस्त की तारीख भेजी गई है. इन दोनों में से जिस पर भी तारीख पर वो सहमति जताएंगे उस दिन राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा. इसमें तीन की बजाय पांच गुंबद अब बनाए जाएंगे. ट्रस्ट के सदस्य रामलला के दर्शन के लिए रवाना हो गए हैं.
We have sent to Prime Minister two dates to choose from – either 3rd August or 5th August – as the date to lay down the foundation of the Ram Temple. The constrcutin will begin on the date he deems fit: Kameshawar Chaupal, Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust pic.twitter.com/3mcLboVsKv
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 18, 2020
वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि देश भर के 10 करोड़ परिवारों से संपर्क कर उनसे राम मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग जुटाया जाएगा. हालांकि यह सब मॉनसून सीजन के बाद होगा. उन्होंने कहा कि निर्माण शुरू होने के तीन-साढ़े तीन साल में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.
After the situation becomes normal, funds are collected and all drawings for the construction of the temple are complete, we think the construiction will be completed within 3-3.5 years: Champat Rai, General Secretary, Sri Ram Janmabhoomi Tirth Kshetra Trust pic.twitter.com/JNoBVX4nuf
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 18, 2020
बता दें कि बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रधान सचिव और मंदिर ट्रस्ट निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या का दौरा किया था. उनके साथ बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सुरक्षा सलाहकार के.के शर्मा भी थे. इसी दिन नृपेंद्र मिश्र ने सर्किट हाउस में ट्रस्ट के सदस्यों के साथ करीब दो घंटे तक बैठक की थी. उन्होंने कहा था कि मंदिर के डिजाइन और मॉडल पर एक राय होना आवश्यक है जिससे कि इंजीनियर उसे फाइनल रूप दे सकें.
Input : News18