नेपाल भारतीय बाजार में मिलने वाली जीवन रक्षक रेमडेसिवीर दवा पर निर्भर है। जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इस दवा का उपयोग पूरी दुनिया कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, दवा को वायरस के इलाज के रूप में नहीं देखा जाता है, लेकिन इसने रोगियों को एक महत्वपूर्ण चिकित्सा चरण से बाहर लाने में अहम भूमिका निभाई है।
सपना (बदला हुआ नाम) के पिता काठमांडू के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और उनका कोविड-19 का इलाज चल रहा था। इस दौरान उन्होंने केमिस्ट से रेमडेसिवीर दवा मांगी तो वह नेपाल में उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद केमिस्ट ने भारत में संपर्क किया और रेमडेसिवीर दवा का ऑर्डर दिया। सपना ने कहा कि उनके केमिस्ट ने भारत से वह दवा मंगाई और अब उनके पिता खतरे से बाहर हैं। अगर वह दवा भारत में उपलब्ध नहीं होती, तो यह स्थिति चिंताजनक हो सकती थी।
सपना ने कहा कि भारत में वह दवा सात हजार रुपये में उपलब्ध है, जो उन्हें 20 हजार नेपाली रुपये में पड़ी। नेपाल सरकार ने भारत और अमेरिका सहित विदेशों से दवा की खरीद के लिए तीन कंपनियों को अनुमति दी है।
वायरस विशेषज्ञ डॉ. प्रभात अधिकारी ने कहा कि अगर हम इसे बड़ी मात्रा में आयात कर सकते हैं तो कोविड-19 के संक्रमण से जंग लड़ रहे रोगियों के रिश्तेदारों को अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। आशा है, दवा भारत और अमेरिका से जल्द से जल्द आयात की जाएगी।
Input : Live Hindustan