नागरिकता कानून और NRC को लेकर प्रदर्शन जारी है, इसी बिच नागरिकता कानून पर शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि आधार, वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट नागरिकता दस्तावेज नहीं हैं। अधिकारियों से NRC के लिए नागरिकता साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में पूछा गया था।

अधिकारीयों का स्पष्टीकरण एक दिन बाद आया जब सोशल मीडिया पर एक सरकारी दस्तावेज वायरल सामने आया था जो दर्शाता है कि मतदाता पहचान पत्र नागरिकता के प्रमाण के रूप में माना जाता है।

आपको बता दें कि सरकारी स्रोतों से जुड़े दस्तावेज में नागरिकता संशोधन अधिनियम और संभावित देशव्यापी एनआरसी से जुड़े 13 प्रश्न और उत्तर सूचीबद्ध हैं और शीर्षक दिया गया है, “यहां नागरिकता संशोधन अधिनियम पर वास्तविक तथ्य दिए गए हैं”।

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि NRC के बारे में बात करने के लिए “पूर्व-परिपक्व” था, लेकिन इसमें कहा गया कि मतदाता पहचान पत्र, आधार और पासपोर्ट जैसे दस्तावेज नागरिकता साबित नहीं करते हैं।

गवाह से भी काम बन जाएगा

अगर कोई व्यक्ति अशिक्षित है और उसके पास कोई पहचान का कोई दस्तावेज नहीं है तो वह गवाह के जरिए भी अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेगा। अधिकारी उसे कम्युनिटी वेरिफिकेशन जैसे अन्य तरह के सबूत के जरिए भी पहचान बताने का मौका देंगे।

धर्म के आधार पर छंटनी नहीं

एनआरसी जब भी पूरे देश में लागू किया जाएगा, धर्म के आधार पर लागू नहीं होगा। किसी को भी धर्म के आधार पर NRC से बाहर नहीं रखा जाएगा।

Input : Indian Express

 

 

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