मध्य प्रदेश के इंदौर में आड़ा बाजार में भगवान धनवंतरी का मंदिर है. आरोग्य के देवता भगवान धनवंतरी के इस मंदिर पर आज धनतेरस के दिन भक्तों की भारी भीड़ रहती है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा का विशेष महत्व है. इस मंदिर का इतिहास 200 साल पुराना है. धनतेरस के दिन यहां इंदौर के अलावा आस पास के वैद्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं. मान्यता है कि यहां दर्शन करने मात्र से बीमारियां दूर हो जाती हैं.
भगवान धनवंतरी मंदिर के पुजारी मानवेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि धनतेरस पर आयुर्वेदिक की सभी संस्थाओं के पदाधिकारी मंदिर में आते हैं. ब्रह्म मुहूर्त में पांच ब्राह्मणों द्वारा भगवान धन्वंतरि का पंचामृत, जड़ी-बूटियों से अभिषेक किया जाता है. अभिषेक के बाद भगवान धनवंतरी का पूजन व आरती होती है. इसके बाद यहां प्रसाद वितरण होता है. इस दौरान गंभीर बीमारी वाले भक्त भी आते हैं और पूजन करते हैं. सुबह से रात तक दर्शन का क्रम चलता रहता है.
यहां की मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धनवंतरी का पूजन करने से लोगों को स्वास्थ्य लाभ होता है. पूजन करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और आरोग्य देह प्राप्त होती है. कई वैद्य दवाइयां और जड़ी-बूटी लेकर आते हैं. वे भगवान के समक्ष इन्हें रखते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से दवाइयां व जड़ी-बूटी सिद्ध होती हैं.
पुजारी मानवेंद्र त्रिवेदी ने बताया ने उनके दादा पं. लक्ष्मीनारायण त्रिवेदी राज वैद्य थे और उन्होंने 200 वर्ष पूर्व यहां भगवान धनवंतरी की मूर्ति स्थापित की थी. यहां भगवान धनवंतरी की मूर्ति तीन फीट ऊंची है. जयपुर के मार्बल से इस मूर्ति का निर्माण किया गया है. आड़ा बाजार स्थित मंदिर में नीचे राधा-कृष्ण का मंदिर है, जबकि पहली मंजिल पर भगवान धनवंतरी विराजमान हैं.
मंदिर आने वाले श्रद्धालु हरि शर्मा ने बताया कि वे इस मंदिर में 15 साल से आ रहे हैं. इस मंदिर में आने से मन को शांति मिलती है. यहां दर्शन मात्र से रोग ठीक हो जाते हैं. हर्षवर्धन राठौर ने कहा कि बचपन से यहां आ रहा हूं. जो भी अभी लगाता हूं, भगवान धनवंतरी हर अर्जी को सुनते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं. अन्य तीसरे भक्त पवन त्रिवेदी ने बताया कि भगवान धनवंतरी को जड़ी बूटियां से स्न्नान करवाया जाता है.
(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)