एक अप्रैल से दस बैंकों के विलय के बाद यह चार बैंक में बदल गए। इसके बाद राज्य में सार्वजनिक बैंकों की संख्या 27 से घटकर केवल 12 रह गई। विलय के लिए बैंकों को 55,250 करोड़ रुपये दिये जायेंगे। इसमें सबसे ज्यादा पंजाब नेशनल बैंक को 16 हजार करोड़ रुपये मिल रहे हैं। हालांकि बैंक प्रबंधन के द्वारा इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि ग्राहकों को पैसे की निकासी और जमा करने में कोई खास दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। विलय के पहले सभी बैंक कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
नजदीक के बैंक ब्रांच होंगे बंद
बैंक के ऐसे ब्रांच जो एक दूसरे के पास हैं, उन्हें बंद कर दिया जायेगा। इसमें ऐसे बैंक को बंद करने के लिए चुना जायेगा जिसमें कम खाते होंगे। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि राज्य में कितने बैंकों को बंद किया जायेगा। मगर इससे ग्राहकों पर खास असर पड़ेगा। बैंक के ऐसे ब्रांच जो एक दूसरे के पास हैं, उन्हें बंद कर दिया जायेगा। इसमें ऐसे बैंक को बंद करने के लिए चुना जायेगा जिसमें कम खाते होंगे। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि राज्य में कितने बैंकों को बंद किया जायेगा। मगर इससे ग्राहकों पर खास असर पड़ेगा।
किस बैंक का किसमें हुआ विलय
इसमें सबसे बड़ा विलय इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक के बीच हुआ है। इसमें इलाहाबाद बैंक के झारखंड बिहार के 383 शाखाओं का विलय इंडियन बैंक में किया गया है। इसके रीजन में इस बैंक की कुल 475 शाखा हो जायेगी। इसके साथ ही झारखंड में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के 36 और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के 76 शाखा का विलय पंजाब नेशनल बैंक किया जा रहा है। केनरा बैंक के 143 शाखा का विलय सिंडिकेट बैंक में किया जा रहा है। इससे ये सार्वजनिक क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक की 85 शाखा, आंध्रा बैंक की 26 शाखा, और कॉर्पोरेशन बैंक की 14 शाखा मिलकर एक हो जायेंगे।
क्या पड़ेगा ग्राहकों पर असर
बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों को एक नया खाता नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। इसके लिए आपके ईमेल पता/ और मोबाइल नंबर का बैंक के शाखा के साथ अपडेट होना जरूरी होगा। बैंक समय-समय पर फेज में हो रहे बदलाव के बारे में अपने ग्राहकों को सुचना देता रहेगा। ग्राहकों के सभी खातों को एक सिंगल कस्टमर आईडी में टैग किया भी किया जा सकता है। इसके साथ ही जिन ग्राहकों का लोन चल रहा होगा उन्हें नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।