इबादत की रात शब-ए-बारात आज होगी। इस रात अल्लाह की तरफ से गुनाहगारों को जहन्नुम से आजादी हासिल करने का बहुत अच्छा मौका मिलता है। कुढ़नी के मोर नया टोला के हाफीज मो़ कमालुद्दीन ने बताया कि इस रात अल्लाह के रसूल इरशाद फरमाते है। अल्लाह की रहमत सुबह तक पुकारती रहती है। शाम छह बजे से सुबह के फजर के आजान तक इबादत करने वालों को अल्लाह उन्हें रहम फरमाते हैं।
शाम को अपने घरों में कुरान पढ़ते हैं और नमाज अदा करते हैं। रात्रि में कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों की कब्र पर मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलाकर इबादत करते हैं। दिन में लोग अपने घरों में हलवा पूरी, खीर बनाकर गरीबों को खिलाते है और खुद खाते हैं। इस दिन गरीबों व यतीमों में दान भी करते हैं। शनिवार को सभी कब्रिस्तानों की सफाई की गयी और वहां रोशनी की व्यवस्था भी की गयी है।