शहर के कल्याणी चौक पर इस बार नवरात्र में केदारनाथ मंदिर के दर्शन भक्त कर सकेंगे। पंडाल के मुख्य द्वार पर मंदिर के प्रारूप को दर्शाया जाएगा। करीब 40 फीट ऊंचा बनाया जाएगा। इसे बनाने के लिए कोलकाता के कारीगर राकेश घोष आएंगे। स्थानीय पंडाल निर्माता भी इसमें सहयोग करेंगे।
समिति के अध्यक्ष गौतम शाही ने बताया कि मां कल्याणी मंदिर के पास ही मुख्य द्वार बनेगा। माता की प्रतिमा करीब आठ फीट की होगी। उनके साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती, भगवान गणेश व कार्तिक भी विराजमान रहेंगे। इनकी मूर्तियां पांच फीट की होंगी। इस बार फूलों से विशेष सजावट की जाएगी। कल्याणी मंदिर में छोटा मंडप बनाकर प्रतिमाएं बैठाई जाएंगी। मां का दरबार पहले से और भी ज्यादा आकर्षक बनाने की कोशिश की जा रही है। अध्यक्ष ने बताया कि ढाई सौ स्वयंसेवक वॉकी-टॉकी के साथ सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे। लोगों को भी कोरोना गाइडलाइन के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बैनर भी लगाया जा रहा है। मास्क व सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने व कोरोना टीका लगवा चुके भक्तों को ही पूजा पंडाल व मां के दरबार में प्रवेश मिलेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा।
52 साल से हो रही पूजा
अध्यक्ष गौतम कुमार ने बताया कि 52 साल पहले कल्याणी चौक पर एक ब्राह्मण आए थे, जो अन्न-जल त्याग कर माता की प्रतिमा के सामने बैठ गए थे। अन्न-जल देने पर भी नहीं खाते थे। लोगों ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की प्रतिमा बैठानी होगी। इसके बाद से ही दुर्गा पूजा होनी शुरू हो गई। स्थानीय लोगों ने मिलकर पूजा की शुरुआत की। तब से हर साल पूजा होती आ रही है। उन्होंने बताया कि सप्तमी को मूंग दाल व हलवा, अष्टमी को शाही खीर, नवमी को खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा। दशमी को प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
बंगाली शैली में बनाई जा रही मां की प्रतिमा
कल्याणी चौक पर मां कल्याणी की प्रतिमा बंगाली शैली में बनाई जा रही है। पिछले 52 साल से पप्पू पंडित वह उनके पूर्वज प्रतिमा बनाते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बंगाली शैली में बनी प्रतिमा भक्तों को काफी आकर्षित करेगी। मां कल्याणी के दर्शन के लिए भक्त दूर-दराज से आते हैं।
Source : Hindustan
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