मंदिर और मस्जिद के बीच मजहब की दीवार खड़ी करने वाले लोगों को आईना दिखा रहीं बगहा की बेईली देवी। वे 20 वर्षों से नि:स्वार्थ भाव से नियमित रूप से घर से सटे मस्जिद परिसर और सड़क पर झाड़ू लगाती हैं। गंगा-जमुनी तहजीब का पर्याय बन गई हैं। उनसे प्रेरित होकर नमाजी और अन्य लोग सफाई के प्रति जागरूक हुए हैं।
बगहा नगर के वार्ड संख्या 31 ईदगाह मोहल्ला निवासी राजेंद्र प्रसाद का घर मस्जिद के पास है। दो दशक पूर्व उनका विवाह बेईली देवी से हुआ। ससुराल आने के बाद बेईली अपने घर की नियमित रूप से सुबह सफाई करती थीं। लेकिन, मस्जिद जाने वाली सड़क और उसके परिसर की प्रतिदिन सफाई नहीं होती थी। तब, उन्होंने संकल्प लिया कि वह प्रतिदिन इसकी भी सफाई करेंगी। तब से शुरू उनका यह काम आज भी जारी है।
भगवान के दर की सफाई पुण्य का काम, बेईली देवी का मानना है कि मंदिर हो या मस्जिद, ईश्वर हर जगह हैं। भगवान के दर की सफाई पुण्य का काम है। इसलिए इसे दिनचर्या में शामिल कर लिया है। आज के दौर में छोटी-छोटी बातों को हवा देकर लोग उन्माद फैलाने की कोशिश करते हैं। यह गलत है।
मोहल्ले में रहने वाले जदयू के नगर अध्यक्ष मो. गयासुद्दीन, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष तुफैल अहमद और शिक्षक इमरान अली का कहना है कि बिना स्वार्थ कोई काम वास्तव में प्रेरणादायी और समाज को जोडऩे वाला है। यह ऐसे लोगों के लिए सबक है, जो मंदिर-मस्जिद के नाम पर विद्वेष फैलाते हैं।
मस्जिद के इमाम मो. गयासुद्दीन कहते हैं कि मस्जिद पहुंचने के समय बेईली सफाई करती मिल जाती हैं। कहते हैं कि फख्र है कि ऐसे लोग भी हैं। मस्जिद के सचिव मोबीन अंसारी, जमील अहमद और तुफैल अहमद कहते हैं कि उनका कार्य प्रेरणादायी है। मस्जिद आने वाले अन्य लोग भी सफाई को महत्व देते हैं।
नगर परिषद करेगी सम्मानित, वार्ड पार्षद तब्बसुम जहां कहती हैं कि लोगों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। नगर सभापति जरीना खातून का कहना है कि इनको शीघ्र ही नगर परिषद की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
Input : Dainik Jagran