महापौर सुरेश कुमार ने मंगलवार को वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल व वार्ड 23 के पार्षद राकेश कुमार सिन्हा के साथ उप मुख्यमंत्री एवं नगर विकास विकास व आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद से उनके पटना स्थित आवास पर मिले। महापौर ने विभाग के पास दो साल से लंबित 186 करोड़ की कच्ची नाली-गली पक्कीकरण योजना के प्रस्ताव को स्वीकृति देने एवं राशि आवंटित करने का अनुरोध किया। दो साल से वार्ड पार्षदों के दैनिक भत्ता का भुगतान नहीं होने की शिकायत की।
स्मार्ट सिटी की योजनाओं को तेजी से अंजाम देने के लिए पहल का अनुरोध किया। साथ ही शहर को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए रेलवे के साथ ही बैठक पर चर्चा की। महापौर ने कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय से रेलवे के अधिकारी मुकर गए है इसकी जानकारी दी। उनकी बातों को सुनने के बाद उप मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव आनंद किशोर से बात। कहा कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में वे रेलवे के साथ फिर बैठक करेंगे जिसमें प्रधान सचिव भी रहेंगे। उन्होंने महापौर को आश्वासन दिया की उनके द्वारा रखी गई समस्याओं को शीघ्र निवारण किया जाएगा। वार्ड पार्षद संजय कुमार केजरीवाल ने कहा कि उप मुख्यमंत्री से शहर के विकास पर सार्थक बात हुई। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं को तेजी से पूरी करने में सरकार हर तरह से मदद करेगी। इसका आश्वासन उप मुख्यमंत्री ने दिया है।
चार वर्षों से मुआवजे का कर रहे इंतजार
प्रशासनिक संवेदहीनता के कारण प्रखंड के बैकटपुर के बाढ़ पीडि़तों को चार वर्षों बाद भी मुआवजे का भुगतान नहीं हो सका। इन पीडि़तों का आशियाना बाढ़ में ध्वस्त हो गया। अब वे लोग पन्नी टांग कर या फूस की झोपड़ी में रह कर गुजरा कर रहे हैं। वर्ष 2017 में राजवाड़ा में बूढ़ी गंडक नदी का तटबंध टूटा था। तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार ने स्थल पर मुआयना करने के बाद पीडि़त परिवारों को उचित मुआवजा का आश्वासन दिया था। तबसे अबतक कई अधिकारी बदल गए, लेकिन नहीं बदली तो पीडि़त की दशा। इस मामले को लेकर स्थानीय सांसद अजय निषाद ने जिलाधिकारी को पत्र देकर पीडि़त परिवारों को नियम संगत उचित मुआवजा देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उन पीडि़तों को मुआवजा मिल जाना चाहिए था। इस मामले में सीओ सुधांशु शेखर ने बताया कि यह मामला हमसे पहले का है। अगर रिपोर्ट गई होगी तो मुआवजा अवश्य मिलेगा। फिर भी पहले संचिका को देख लेते हैं। उसके बाद ही कुछ कहना उचित होगा। इस बाढ़ में रामश्रेष्ठ राय, ललित राय, रामइकबाल राय, लालबाबू राय, लखेंद्र राय, शिव कुमार महतो, दिनेश महतो, सुरेश महतो आदि का आशियाना ध्वस्त हो गया था। स्थानीय मुखिया राजहंस राय ने भी कई बार सीओ को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
Input: Dainik Jagran