एसकेएमसीएच में कोरोना वार्ड शुरू होने के नौवें दिन पहले संक्रमित मरीज (50) की मौत का मामला मंगलवार को सामने आया। मृत मरीज गोरौल के एक पूर्व सीओ के करीबी रिश्तेदार थे। वह मुजफ्फरपुर के ही रहने वाले थे और तीन दिनों से इलाजरत थे। कोरोना वार्ड में मौत से अफरातफरी मच गई। काफी देर तक अस्पताल में ही शव पड़ा रहा। अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को शव सौंपने के लिए बुलाया, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। दोपहर में इसकी जानकारी अधीक्षक ने एसकेएमसीएच प्राचार्य डॉ. विकास कुमार को दी। इसके बाद उन्होंने सदर अस्पताल से कोरोना शव वाहन मंगाया और डिस्पोजल कराया। प्राचार्य के अनुसार मौके पर परिजन भी मौजूद थे। प्राचार्य ने बताया कि पीपीई किट पहनाकर चार सदस्यीय टीम (सफाई कर्मी) की मदद से प्रोटोकॉल के अनुसार शव का दाह-संस्कार कराया गया। एसकेएमसीएच में कोरोना वार्ड बनने के बाद यह पहली मौत हुई है। मरीज की हालत गंभीर थी।

बॉडी उठाने के लिए होती रही मशक्कत

परिजनों के इंकार करने पर अस्पताल प्रबंधन को शव हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। एसकेएमसीएच प्रबंधन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत होने पर यदि शव परिजन नहीं लेते हैं तो दाह संस्कार करने के लिए अस्पताल के ही चार सफाई कर्मियों की टीम बनाई जाती है। सभी के अकाउंट और आधार नंबर लेकर सरकार को भेज दिया है। सरकार से अंत्येष्टि के लिए मिलने वाली राशि सीधे इनके खाते में जाएगी।

अबतक जिले के 10 मरीजों की हो चुकी मौत

अबतक जिले के 10 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। इसमें छह की मौत पटना में हुई है, जबकि चार मरीजों की मौत मुजफ्फरपुर में हुई है। पटना में मरने वाले मरीज मुजफ्फरपुर से रेफर नहीं हुए थे। वे दूसरे जगह से रेफर होकर आए थे। जिले में कटरा और सकरा में भी एक-एक मरीज की मौत कोरोना से हुई है। हाल में ही पूर्व मेयर वर्षा सिंह के पति संजीव चौहान की मौत भी कोरोना से हुई थी।

Input : Live Hindustan

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