बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश के कारण बागमती नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गई। इससे बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध के बीच अवस्थित औराई प्रखंड के एक दर्जन गांव के लगभग 500 घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। विस्थापितों को गांव से निकालने के लिए सरकारी स्तर पर 19 नावें चलाई जा रहीं हैं। वहीं मधुबन प्रताप व पटोरी गांव से एनडीआरएफ की टीम दो वोट के सहारे विस्थापितों को रेस्क्यू कर बांध पर पहुंची। इस बीच एक एनडीआरएफ का वोट खराब हो गया था जिसे एक घंटे में ठीक किया गया। इधर, कटरा की पंचायतों के दो हजार घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गंगेया व बकुची स्थित पीपा पुल के एप्रोच पथ पर पपांच बहने से आवागमन ठप पड़ गया है।
ये हैं औराई के प्रभावित गांव : बागमती नदी के जलस्तर मे हुई वृद्धि से मधुवन प्रताप,पटोरी टोला, बभनगामा पश्चिमी, हरनी टोला, बडा बुजुर्ग, बारा खुर्द, चहुंटा दक्षिणी टोला, राधोपुर, तरबन्ना, चैनपुर,भरथुआ दक्षिणी टोला समेत दर्जन भर गांव के पांच सौ घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जान खतरे में देख विस्थापित घर छोड़ कर भागने के लिए आतुर थे, मगर नाव की सुविधा नहीं होने के कारण घरों में ही फंसे रहे। मधुबन प्रताप गांव के दिनेश भगत ने बताया कि अपने दो नाव से सुबह से हीं लोगों को बाहर बांध पर ले जा रहे थे। बभनगामा पश्चिमी के शिक्षक मो. शाहिद, मो. गोरे ने बताया कि अंचल प्रशासन ने दो क्षतिग्रस्त नाव देकर पल्ला झाड़ लिया है। इधर, विस्थापितों के फंसे होने की सूचना पर सीओ बभनगामा पश्चिमी ने गांव पहुंचकर लोगों को आश्वस्त किया कि नाव मंगाई जा रही है जिससे सभी विस्थापितों को बाहर निकाला जाएगा। सीओ की बात सुनकर मौके पर मौजूद विस्थापित परिवारों ने सीओ का घेराव कर दिया। सीओ ने बताया कि बांध पर शरण लिए सभी विस्थापित परिवार की सूची राजस्व कर्मी द्वारा तैयार की जा रही है।
Input : Dainik Jagran