करनाल. जिले में एक शख्स को इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने 9 करोड़ रुपये टैक्स भरने का नोटिस भेजा है. इसके बाद से वह सदमे में है. सवाल यह उठ रहा है कि रोजाना 300 रुपये कमाने वाला 9 करोड़ रुपये का टैक्स कैसे भरेगा और उसे यह नोटिस किस आधार पर दिया गया? नोटिस में रेहड़ी लगाकर पौकड़े बेचने वाले को करोड़ों रुपये का बकाया टैक्स भरने को कहा गया है. इस नोटिस के बाद करनाल में पकौड़ों की रेहड़ी लगाने वाले बलविंदर का ब्लड प्रेशर हाई हो गया है. उनकी रातों की नींद उड़ गई है. बलविंदर का कहना है कि उनकी इस समस्या का समाधान करने वाला कोई नहीं है. ऐसा ही कुछ सब्जी बेच कर रोज 400 रुपये कमाने वाले सुभाष सेठी के साथ भी हुआ है. उन्हें भी करोड़ों का नोटिस आया है.
दरअसल, यह मामला GST लागू होने के साथ वर्ष 2017 में हुआ था, जब बहुत से लोगों ने फर्जी कंपनियां बनाकर टैक्स चोरी करने की कोशिश की थी. बहुत से ठगों ने किसी और के नाम पर कंपनी खोल दी, ताकि GST में फर्जीवाड़ा किया जा सके. इसी गड़बड़झाले के चलते कागजों में बलविंदर श्री साईं ओवरसीज कंपनी और श्री बाला जी इंटरप्राइजेज कंपनियों के मालिक हैं, जिनका टर्नओवर करोड़ों में है. मगर असल में यह रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं.
पिछले साल भी भेजा था नोटिस
सुभाष सेठी ने बताया कि वर्ष 2017 में अर्जुन गेट स्थित उनके घर के पड़ोस में रहने वाले महिंद्र बहल ने लोन दिलाने के नाम पर उनकी और उनके दामाद बलविंदर की आईडी ली थी, जिसका उसने गलत इस्तेमाल करते हुए पानीपत में जीएसटी में फर्जी फर्म रजिस्टर्ड करा दी. उन्हें इसकी जानकारी तब हुई जब विभाग की ओर से पिछले साल फरवरी में टैक्स रिकवरी का नोटिस भेजा गया.
दोनों कंपनियां पानीपत में रजिस्टर
सुभाष ने बताया कि इस मामले को लेकर वह कई बार अधिकारियों के भी चक्कर काट चुके हैं, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई. यह भी बता चुके हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है. अब फिर विभाग की ओर से रिकवरी के नोटिस भेजे गए हैं. बता दें कि ये दोनों कंपनियां पानीपत में रजिस्टर हैं और इस पूरे फर्जीवाड़े की एफआईआर भी पानीपत में दर्ज है. लेकिन, असली गड़बड़झाला करने वालों पर अभी तक न तो पानीपत पुलिस शिकंजा कस पाई है और न ही इनकम टैक्स वालों ने कार्रवाई की है.
Input : News18