इंसानियत की शर्मसार करने वाली एक घटना मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र की है. यहां दो बेटों ने अपने माता पिता पर इस क़दर अत्याचार किया है सुनकर आपका दिल पसीज जाएगा.सेवानिर्वित शिक्षिका का जब रिटायर्ड का वक़्त आया तब उनके दोनों बेटे और बहुएं ने ना सिर्फ उन पर ज़ुल्म ढाए बल्कि मां और पिता को पीटा और घर से बेघर कर दिया.
“मां ममता की मूर्ति होती है” और ” पिता अपने दुख को त्याग कर सारा कुछ अपने संतान पर न्योछावर कर देते है” लेकिन जब वहीं पुत्र मां और पिता के सेवा करने की उम्र में उनपर अत्याचार करे उन्हें पिटे तो दिल पसीज जाता है.
ब्रह्मपुरा निवासी दम्पत्ति ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस बेटे को समाज के बीच सिर उठाकर जीने लायक बनाया, सिर छुपाने के लिए छत दी, वह उसे बेघर कर देंगे। लेकिन हुआ ऐसा ही. सेवानिवृत शिक्षिका और उनके पति को दोनों बेटे और बहुएं ने घर से बाहर कर दिया. कहीं ठिकाना नहीं देखकर दम्पति पुलिस की शरण में पहुंचे। यहां भी उन्हें आशानुरूप सहयोग नहीं मिला.
आज जिला समाहरणालय में परिसर में हर समय अपने बेटे के हर बात को पूरा करने वाले पिता और बेटे की हर दुख में उसके बचपन से अभी तक साथ देने वाली व दुख के घड़ी में पूरी रात साया की तरह जगने और साथ देने वाली मां को अपने बेटे और बहुएं के द्वारा मिले प्रताड़ना से तंग आकर अब जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही हैं.
सेवानिवृत्त शिक्षिका भारती शर्मा का कहना है कि उनका दो पुत्र है और दोनों की शादी हो चुकी हैं. बड़े वाले बेटा भी पैसे को लेकर अपने दादा से मारपीट करते थे जिसके बाद दादा ने उसे घर से बेदखल कर दिया जिसके बाद से वह अपने अपनी पत्नी के साथ ससुराल रहने लगा. वहीं अब छोटा बेटा समीर कुमार उर्फ मुन्नू व बहू श्रेया भी उन्हें प्राय पिटती रहती थी बीते फरवरी माह में भी उसने हमें (मां) बहुत पीटा और जिसके पीटने से मेरे पैर भी टूटे और सर में छह टांके भी दिए गए. बीते 16 अगस्त को मै बरामदे पर बैठी थी उसी वक़्त मेरी बहू सुष्मिता उर्फ श्रेया बेलन लेकर अाई और मुझसे 10000 रुपए छीनने लगी विरोध करने पर जानलेवा हमला किया गया,जिसके बाद बेटा समीर कुमार उर्फ मुन्नू ने पीटकर घर से बाहर निकाल दिया. घर की कलह की वजह से मेरे पति भी अस्वस्थ है.
वहीं सेवनिर्वित शिक्षिका का कहना है कि बेटा ने उन्हें घर से बेदखल कर दिया और दोनों बेटों ने यहां तक बोल दिया कि हम दोनों दंपति के मरने के बाद भी वो मेरा अंतिम संस्कार नहीं करेगा मरने से पहले स्वयं ही अपने श्राद्ध वस्त्र(कफन) खरीद लें.
उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि बेटे द्वारा छीनी गई मोबाईल, पैसे उन्हें मिल जाए. वहीं उनके नाम की जो जमीनें है वो अपने बेटे को ना देकर किसी ट्रस्ट के नाम पर कर दी जाए.
Report : Raushan