बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर में किसान चाची के नाम से विख्यात पद्मश्री राजकुमारी देवी अब बुंदेली महिलाओं को भी सशक्तीकरण की राह दिखाएंगी। वह बुंदेलखंड में चटनी, अचार और मुरब्बा की प्रोसेसिंग यूनिट खोलने में सहयोग करेंगी।
दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता के राज साझा किए। सामान्य से आसाधारण किसान बनी किसान चाची ने बताया कि उद्यान विभाग के सहयोग से 20 महिलाओं को जोड़कर अपने फार्म में बागवानी तैयार की। प्रोसेसिग यूनिट लगाकर आचार, मुरब्बा व चटनी आदि तैयार की। इसके बाद मुजफ्फरपुर जिले की अन्य महिलाओं को प्रेरित किया। इस तरह महिला किसानों के 360 समूह बनाए। प्रत्येक समूह में 20 महिलाएं हैं। वर्तमान में प्रत्येक समूह की वार्षिक आय 10-15 लाख रुपये है। बाजार में चटनी, मुरब्बा, आचार, दाल व दलिया आदि की खासी डिमांड है। जब बिहार की चटनी यूपी में बिक सकती है तो बुंदेलखंड का उत्पाद बिहार व महाराष्ट्र में क्यों नहीं बिक सकता। उन्होंने कहा कि अब यही समृद्धि बुंदेलखंड की महिलाओं में देखना चाहती हैं। महिलाएं समूह बनाकर प्रोसेसिग यूनिट लगाएं। वह उनके उत्पाद बाजार तक पहुंचाएंगी। इसके लिए यहां आती रहेंगी। स्वाद व गुणवत्ता होगी तो बाजार खुद ब खुद बन जाएगा। बाल विवाह, विधवा विवाह व मातृ मृत्यु दर को रोकने की दिशा में काम करने वाली महिला किसान ने अरहर सम्मेलन में शामिल करीब एक हजार महिला किसानों को सफलता के यही मंत्र दिए।