देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने 74 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। वीरवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। केन्द्रीय मंत्री के सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की गयी है, जिसके तहत शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन और संसद भवन पर तिरंगे को आधा झुकाया गया।
कब घोषित होता है राजकीय शोक
गणमान्य व्यक्तियों के निधन के बाद राजकीय शोक बघोषित होता है। इस दौरान विधानसभा, सचिवालय सहित महत्वपूर्ण कार्यालयों में लगे राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहते हैं। देश में कोई औपचारिक या सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता है। राजकीय शोक के दौरान समारोहों और आधिकारिक मनोरंजन का आयोजन नहीं किया जाता है। देश में और देश के बाहर स्थित भारतीय दूतावास और हाईकमीशन में भी राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता है।
इसका इतिहास
भारत में शुरुआत में ‘राष्ट्रीय शोक’ सिर्फ राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर घोषित होता था। हालांकि भारत में पहला राष्ट्रीय शोक महात्मा गांधी की हत्या के बाद घोषित किया गया था। समय के साथ इस नियम में कई बदलाव किए गए। अब अन्य गणमान्य व्यक्तियों के मामले में भी केंद्र विशेष निर्देश जारी कर राष्ट्रीय शोक का ऐलान कर सकता है। इसके अलावा देश में किसी बड़ी आपदा के वक्त भी ‘राष्ट्रीय शोक’ घोषित किया जा सकता है।
कौन घोषित करता है राजकीय शोक
पुराने नियमों के अनुसार पहले यह घोषणा केवल केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति ही कर सकता था लेकिन अब बदले हुए नियमों के अनुसार राज्यों को भी यह अधिकार दिया जा चुका है। अब राज्य खुद तय कर सकते हैं कि किसे राजकीय सम्मान देना है। कई बार राज्य और केंद्र सरकार अलग-अलग राजकीय शोक घोषित करते हैं।