13 से 21 अप्रैैल तक चलने वाले चैत्र नवरात्र में इस बार कोरोना के कारण श्रद्धालुओं को देवी मंदिरों में दर्शन के लिए खाली हाथ जाना होगा। प्रसाद, फूल और धूप-दीप, चुनरी आदि पूजन सामग्री मंदिर परिसर में ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मंदिरों में कोई भी विशेष आयोजन नहीं होगा। नाइट कर्फ्यू के कारण मंदिर केवल दिन में खुलेंगे। मंदिर परिसर में किसी भी व्यक्ति को कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते पाया गया तो उसे तुरंत बाहर निकाल दिया जाएगा।
झंडेवालान मंदिर के प्रभारी नंदकिशोर सेठी ने बताया कि सरकार ने रात्रि 10 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया है। इसलिए तय किया गया है कि सुबह 4 के बजाय मंदिर सुबह 6 बजे खुलेगा और रात को 9 बजे बंद कर दिया जाएगा। पहले सुबह 4 और शाम को 7 बजे आरती होती थी। अब सुबह 6 और शाम को 7 बजे मुख्य भवन में आरती होगी। इसका ऑनलाइन प्रसारण यू-ट्यूब और फेसबुक पर होगा।
पिछले साल की तरह ही पाक माह रमजान में पुरानी दिल्ली के बाजारों में इस बार भी रौनक फीकी रहने के आसार हैं। इस बार यह रमजान 13 या 14 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जबकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंगलवार से राजधानी में नाइट कर्फ्यू लागू हो गया है। रात 10 से सुबह 5 बजे तक चलने वाला नाइट कर्फ्यू फिलहाल 30 अप्रैल तक जारी रहेगा। आगे हालात देखकर इसकी मियाद बढ़ाने या इसे खत्म करने पर फैसला लिया जाएगा।
रमजान के महीने में पुरानी दिल्ली में खास पकवान तैयार किए जाते हैं। दूर-दूर से लोग इनका जायका लेने के अलावा पूरी रात खुलने वाले बाजारों में खरीदारी के लिए भी आते थे। इस साल नाइट कर्फ्यू की वजह से बाजार बंद ही रहेंगे। इसे लेकर स्थानीय लोगों के साथ ही कारोबारी भी मायूस हैं। परंपरागत रूप से रमजान में पुरानी दिल्ली के अलावा आसपास के खारी बावली, चांदनी चौक और मुस्लिम बाहुल्य दूसरे क्षेत्रों के बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। रोजे की वजह से लोग दिन में घर से निकलने में परहेज करते हैं तो शाम होते ही बाजारों की रौनक बढ़ जाती है।
पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद, मटिया महल, चितली कबर, सुईंवालान आदि के बाजार तो सुबह दिन निकलने तक खुलते हैं। पिछले साल कोरोना के कारण संपूर्ण लॉकडाउन के कारण घरों से निकलने तक पर पाबंदी थी। इस साल भी कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा है। ऐसे में अगले हफ्ते से शुरू हो रहे रमजान के महीने में रात के समय दुकानें बंद रहेंगी। कारोबारियों का कहना है कि इस महीने में मुसलमान जमकर खरीदारी करते हैं। ऐसे में नाइट कर्फ्यू की वजह से उनके कारोबार भी ठप हो जाएंगे।
पुरानी दिल्ली के 80 वर्षीय हाजी कल्लू कहते हैं कि पूरी जिंदगी में ऐसा कभी नहीं देखा कि रमजान के महीने में बाजार बंद रहे हों या रौनक थोड़ी-सी भी कम हो। शायद लोगों के कर्मों का ही फल है जो आज भुगतना पड़ रहा है। खुदा शायद हमसे नाराज हो गया है। जामिया, बटला हाउस, जाकिर नगर, सीलमपुर, सीमापुरी, निजामुद्दीन और अन्य जगहों के लोग भी मायूस हैं। वे दुआ कर रहे हैं कि 30 अप्रैल तक हालात ठीक हो जाएं और उसके बाद बाजार खुलने की इजाजत दे दी जाए।
Input: Amar ujala