उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यूपी कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया. पार्टी नेतत्व ने तय किया है यूपी में फिलहाल किसी बड़ी रैली का आयोजन नहीं किया जाएगा. कांग्रेस यूपी चुनाव में वर्चुअल रैली पर जोर देगी. पार्टी ने इसके साथ राज्य में आयोजित होने वाली लड़कियों की मैराथन रेस को भी रद्द कर दिया है.
सूत्रों के हवाले से बड़ी ख़बर— कांग्रेस का ऐलान..बढ़ते कोरोना को देखते हुए और कल हुए मैराथन दौड़ में हुई भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश में सभी जनसभा,रैली,मैराथन स्थगित!
सभी राजनीतिक दलों को ये करना चाहिए..रैली करना है तो वर्चूअल कीजिए..हालत बद से बदतर होने में देर नहीं लगेगी!
— Shweta (@spbhattacharya) January 5, 2022
इसके साथ ही पार्टी नेतृ्त्व ने वाराणसी और आजमगढ़ में होने वाली मैराथन दौड़ को कैंसिल कर दिया है. आजमगढ़ में आज तो वहीं वाराणसी में वहीं वाराणसी में 9 जनवरी को लड़कियों की मैराथन दौड़ का आयोजन रखा गया था, लेकिन अब इसे अगली सूचना तक कैंसिल कर दिया गया है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृ्त्व का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब इन मैराथन रेस में बड़ी संख्या में लड़कियां जुट रही थी. इस भीड़ के कारण कई बार इन दौड़ में अव्यवस्था भी देखने को मिली. बरेली में आयोजित ऐसी ही एक मेराथन रेस में मंगलवार को भगदड़ जैसे हालात बन गए थे, जिसमें कई लड़कियां घायल हो गईं. इसके बाद से कांग्रेस के इस मैराथन दौड़ पर सवाल उठना शुरू हो गए.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस इस बार महिलाओं के अधिकार को लेकर मुद्दा उठा रही है, जिसके अंतर्गत ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ के स्लोगन के साथ कांग्रेस लगातार उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम कर रही है. इसी कड़ी में अलग-अलग शहरों में लड़कियों की मैराथन रेस का आयोजन हो रहा था. हालांकि इसे लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने नाराजगी जताते हुए मंगलवार को बरेली के डीएम को नोटिस भेजा.
NCPCR के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने कहा, ‘बच्चों को राजनीतिक रैलियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. हमारा देश राजनीतिक उद्देश्यों के लिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों का इस तरह दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं देता है. हम सुनिश्चित करेंगे कि एक जांच शुरू की जाए.’
Source : News18