फर्जी कोरोना सैम्पल लेते हुए वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. इसमें एक डॉक्टर कोरोना वायरस की जांच के लिए अपना सैम्पल दे रहा है. अब आप कहेंगे, डॉक्टर है तो क्या हुआ वो भी इंसान ही है. उसको भी कोविड-19 हो सकता है. भला मानस टेस्ट करवा रहा, उसका भी वीडियो वायरल कर दे रही है जनता! लेकिन इस वीडियो में एक घोटाला छिपा है. पब्लिक फंड की बर्बादी छिपी है. जिसमें वीडियो में दिख रहा डॉक्टर तो शामिल है ही, उसके ऊपर बैठे अधिकारी भी ज़िम्मेदार हैं.
ऐसा? तो क्या है इस वीडियो में?
ये वीडियो है मथुरा के बलदेव स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का. यहां डॉक्टर राजकुमार सारस्वत की ड्यूटी लगी है कोरोना वायरस सैम्पलिंग में. डॉक्टर राजकुमार एक लैब टेक्नीशियन को कोरोना टेस्ट के लिए अपना सैम्पल दे रहे हैं. एक या दो नहीं, पूरे अपने पूरे 14 सैम्पल उन्होंने दिए. लेकिन 14 सैम्पल क्यों? वीडियो में डॉक्टर साहब कह रहे हैं,
“सैंपल कम पड़ गए हैं, इसलिए अपने सैंपल करा रहा हूं.”
यानी वो टेस्टिंग के अपने टारगेट से चूक गए थे. तो टारगेट पूरान करने के लिए उन्होंने अपने ही 14 सैम्पल दे दिए. इस वीडियो को प्रियंका गांधी ने भी फेसबुक पर शेयर किया है- CHC बलदेव में तैनात डॉक्टर अमित ने इस मामले की शिकायत CMO राजीव गुप्ता से की. डॉक्टर अमित ने इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार मदन गोपाल शर्मा से भी बात की. उन्होंने बताया,
“मैं 27 जुलाई से CHC बलदेव में ड्यूटी सैम्पलिंग टीम में तैनात हूं. यहां होम आइसोलेशन के फॉर्म फर्जी तरह से भरे जा रहे हैं. और इसकी शिकायत मैंने CMO साहब से भी की थी. और जो वीडियो वायरल हो रहा है, वो CHC बलदेव का ही है. इसमें दूसरी टीम के सैम्पलिंग अधिकारी राजकुमार सारस्वत का फर्ज़ी सैम्पल लिया जा रहा है.”
डॉ. अमित का कहना है कि वो सभी संविदा कर्मचारी हैं. उन पर प्रेशर बनाया जाता है कि वो RT-PCR के सैम्पल कराकर दें. मरीज नहीं आ रहे, तो उनके कहा जाता है कि वो अपने सैम्पल दें. आगे बताते हैं,“कहा जाता है कि आप नाम कहीं से चढ़ाइए, हमें इससे कोई मतलब नहीं है. नहीं तो हम आपके खिलाफ लेटर इशू कर देंगे. और तीन दिन में आपकी संविदा समाप्त हो जाएगी. हमारे ऊपर चिकित्सा अधीक्षक और DVM का दवाब रहता है. सालाना रिपोर्ट में हमारी प्रगति रिपोर्ट भेजी जाती है. और अगर ये नेगेटिव लिख देंगे, तो संविदा खत्म हो जाएगी. “
उधर इस मामले में CMO राजीव गुप्ता का कहना है
“शिकायत मिली है. और वीडियो में भी देखा है कि किसी एक ही स्टाफ की सैम्पलिंग ली जा रही है. उस वीडियो की जांच की जा रही है. अगर वीडियो में सत्यता पाई जाती है, तो ये घोर लापरवाही है. दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
CMO राजीव गुप्ता का कहना है कि सैम्पलिंग के इंचार्ज के द्वारा ये शिकायत की गई है. उन्होंने एक दूसरी शिकायत के साथ इस वीडियो की सीडी भेजी थी. CMO की माने तो उन्हें इस वीडियो पर विश्वास नहीं है कि ये वीडियो ठीक है. उनका कहना है कि अगर ये वीडियो सही पाया जाएगा, तो कार्रवाई होगी. और जिनकी सैम्पलिंग हो रही है, वो कौन है ये क्लीयर नहीं है. वहां के स्टाफ को बारी-बारी से पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है.