मुजफ्फरपुर । कोरोना से पीडि़त मरीजों से तन से दूरी भले ही हो मगर मन से हमेशा उनके साथ रहें। फिजीशियन डॉ. एफ रहमान ने कहा कि कोविड पीडि़तों का आत्मबल बढ़ाते रहें। उन्हें यह एहसास दिलाते रहे कि इस संकट की घड़ी में भी परिवार के सभी सदस्य उनके साथ हैं। अपनों के साथ का एहसास उन्हें कोरोना से लडऩे की ताकत देगी और वे कोरोना को मात दे पाएंगे। अपनों की देखभाल, मरीज की हिम्मत, आइसोलेशन व दवा से कोरोना के 90 फीसद मरीज ठीक हो रहे हैं। मरीज का हिम्मत हारना, अपनों का नजरअंदाज करना, उपचार देर से शुरू होना व आइसोलेटेड नहीं होना जानलेवा हो सकता है। बीमारी को छिपाएं नहीं, बीमारी का उपचार जितनी देर से शुरू होगा उतना ही खतरनाक होगा।
कोरोना के हर मामले में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। मास्क का उपयोग अवश्य करें। बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, खांसी, नाक बहना, पेट में ऐंठन, दस्त और स्वाद व गंध नहीं मिलने की परेशानी होने पर तुरंत जांच कराएं। कोविड पॉजिटिव आने पर इसे छिपाने की कोशिश नहीं करें। चिकित्सक की सलाह से उपचार शुरू कर दें। संयम से काम लें। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। छठे दिन से कोरोना खतरनाक होने लगता है। अगर बुखार 100 से ऊपर है तो सतर्क हो जाएं। ऑक्सीजन लेवल 92 से कम हो और मरीज को सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत दोबारा चिकित्सक की सलाह लें और आवश्यकता हो तो अस्पताल में भर्ती हो जाएं। घर पर भी चिकित्सक की सलाह से उपचार हो सकता है। धैर्य व साहस इस बीमारी से लडऩे में मददगार है।
खाने-पीने पर दें ध्यान, नकारात्मक सोच जानलेवा
इस बीमारी से लडऩे में शरीर का इम्यूनिटी काफी अहम है। पौष्टिक व संतुलित आहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। दलिया, जूस, नींबू पानी, मूंग दाल, सब्जी का सूप बेहतर विकल्प है। सुबह में नींबू के साथ एक गिलास गर्म पानी लें। चार-पांच बादाम फुलाकर सुबह खाएं। इससे प्रोटीन की कमी नहीं होगी। सोने से पहले गर्म दूध हल्दी मिलाकर लें। फ्रिज के सामान से परहेज करें। चार से पांच लीटर ताजा पानी अवश्य पीएं। जूस, सूप, शर्बत, नारियल का पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें। सोयाबीन, दाल, अंडा , मछली, चिकन आदि प्रोटीन युक्त खाना खाएं।
Source : Dainik Jagran