कोरोना से मौत के आंकड़ों पर पटना हाईकोर्ट ने शनिवार को सुनवाई की। मामला अचानक से सामने आए करीब 4 हजार लोगों की मौत का था। शुक्रवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई थी। इसी सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना से मौत के आंकड़ों ठीक से अपडेट नहीं किया था।
कोर्ट में सरकार को फटकार
बिहार में कोरोना संक्रमण से हुई मौत के आंकड़े पर नाराजगी जताते हुए पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यदि कोर्ट इस बारे में सरकार से जानकारी नहीं मांगता तो लोगों को मौत का सही आंकड़ा नहीं जान पाते। भविष्य में ऐसी गलती नहीं हो।
वहीं शनिवार को हुई सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार को यह बताने करने का निर्देश दिया है कि क्या कोरोना से अतिरिक्त मौत (जो बाद में सामने आई) की पुष्टि के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र और बाकी दस्तावेजों का मूल्यांकन किया गया था?
मुख्य सचिव ने दिया हलफनामा
इससे पहले मुख्य सचिव की ओर से दायर हलफनामे में राज्य में हुई मौत की संख्या 9375 बताई गई। कोर्ट को बताया गया कि मरने वालों की संख्या में गड़बड़ी होने के मामले में सूबे के सभी सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया जायेगा। जो भी दोषी पाये जायेंगे उन पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी। शपथ पत्र में बताया गया कि राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या आठ जून तक 9375 है। पटना में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2293 है। सबसे कम शिवहर जिला में 35 है।
उनका कहना था कि पिछले सात जून को मरने वालों की संख्या 5424 बताई गई थी। उनका कहना था कि बक्सर जिला में आठ जून तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 180 है। जबकि गत 7 जून को प्रेस रिलीज जारी कर मरने वालों की संख्या 83 बताई गई थी। कोर्ट को बताया गया कि मरने वालों की संख्या में गड़बड़ी होने के मामले में सूबे के सभी सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया जायेगा। जो भी दोषी पाये जायेंगे उन पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी।
कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव के हलफनामा में मरने वालों की संख्या 9,375 बताई जा रही है। जबकि सरकार के आईटी विभाग की ओर से दायर हलफनामे में मरने वालों की संख्या 9143 है। इसी दौरान सूबे के महाधिवक्ता ललित किशोर ने सरकार का बचाव करते हुए कोर्ट को बताया कि तकनीकी गड़बड़ी तथा पोर्टल अपडेट नहीं हो पाने के कारण आंकड़ों में गड़बड़ी हो गई है। फिर भी गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार काफी चिंतित हैं।
मौत के आंकड़े अचानक बढ़ने के मामले की जांच की जायेगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महाधिवक्ता की ओर से दी गई जानकारी पर कोर्ट ने कहा कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं हो।
पोर्टल पर जताया असंतोष
कोर्ट ने राज्य में चल रहे पोर्टल के मामले में भी असंतोष व्यक्त किया। कोर्ट के निर्देश पर राज्य के विकास आयुक्त आमिर सुब्हानी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट को बताया कि इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक कर रिपोर्ट पेश करेंगे। आईटी सचिव संतोष कुमार मल्ल ने भी कोर्ट को बताया कि संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है। उन्होंने बताया कि पोर्टल के काम करने के मामले में स्टडी करने के लिए टेक्निकल टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
Input: nbt