हमारे देश में शादी कितना जरूरी है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने शादियों के नाम पर लोन लिया है. जी हां…महामारी ने हमारे देश में उधार देने और उधार लेने के परिदृश्य में भारी बदलाव लाए हैं. लोग नौकरी छूटने, इनकम कम होने के चलते अब लोन पर आश्रित हो रहे हैं. चिकित्सा, पढ़ाई, दैनिक खर्चों के अलावा शादी भी लोन लेकर ही कर रहे हैं. यही वजह है कि लोन देने वाले प्लेटफार्मों ने रिेटेल ग्राहकों की ऋण मांग में वृद्धि देखी है. इसका खुलासा डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म इंडियालेंड्स की रिपोर्ट में किया गया है.

यह रिपोर्ट 20-35 के बीच आयु वर्ग पर आधारित है

IndiaLends की यह रिपोर्ट, भारत के युवाओं (20-35 के बीच आयु वर्ग) पर आधारित है. रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान सबसे ज्यादा लोन शादी के लिए गए हैं. यह सभी अन्य कैटेगरी से लिए गए लोन से अधिक है. शादी के लिए करीब 33% लोगों ने लोन लिए गए हैं.

महामारी की दूसरी लहर के दौरान बिजनेस लोन में भी 16 प्रतिशत से 23 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. दिलचस्प बात यह है कि इसी अवधि के दौरान घरेलू उद्देश्यों के लिए ऋण में 40 प्रतिशत से 24 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. यह दर्शाता है कि लोग अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं.

दिल्ली मुंबई जैसे शहर के युवाओं ने लिया था भाग

बता दें कि IndiaLends ने अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवा भारतीयों के बीच लोन प्रवृत्तियों पर एक स्टडी किया.यह अध्ययन नौ प्रमुख शहरों – मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद और पुणे में वेतनभोगी और स्व-नियोजित युवा भारतीयों के बीच किया गया था. स्टडी अगस्त 2020 से जुलाई 2021 की अवधि के दौरान की गई है. इस स्टडी में कुल 11,000 लोगों को शामिल किया गया था.

Source : News18

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