गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी खबर है कि अब वे भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन लगवा सकती हैं. दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को NTAGI यानी नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है. इसका मतलब यह है कि गर्भवती महिलाएं अब CoWIN पर पंजीकरण करा सकती हैं या टीका लगवाने के लिए सीधे COVID टीकाकरण केंद्र (CVC) जा सकती हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी स्टेज पर वैक्सीन ले सकती हैं. एक स्टडी में यह सामने आया था कि कोरोना इंफेक्शन से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा था और उनमें कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ने के साथ ही भ्रूण पर भी असर पड़ने की आशंका थी.
स्टडी में ये भी सामने आया कि दूसरी महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस से गंभीर संक्रमण का खतरा है. अध्ययन में कोविड संक्रमित गर्भवती महिलाओं में प्री मेच्योर बर्थ के खतरा का अंदेशा भी जताया गया था.
गौरतलब है कि जून के अंतिम सप्ताह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीके के महत्व और उससे जुड़ी सावधानियों के बारे में परामर्श देने के लिए अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और टीकाकरण करने वालों का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से एक तथ्य-पत्र तैयार किया था ताकि महिलाएं पूरी जानकारी हासिल होने के बाद टीकाकरण करा सकें.
दस्तावेज में बताया गया था कि 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमित गर्भवती महिलाएं घर पर ही ठीक हो जाती हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती, लेकिन कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है. इसमें कहा गया था, ‘इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एक गर्भवती महिला को कोविड-19 टीका लगवाना चाहिए.’
तथ्य-पत्र में कहा गया था कि उपलब्ध कोविड-19 टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को अन्य व्यक्तियों की तरह संक्रमण से बचाता है. किसी भी अन्य दवा की तरह, इस टीके के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो सामान्य रूप से मामूली होते हैं.
इसमें कहा गया था कि टीका लगवाने के बाद गर्भवती महिला को हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या एक से तीन दिनों तक अस्वस्थता महसूस हो सकती है. बहुत कम (एक से पांच लाख व्यक्तियों में से किसी एक गर्भवती महिला को) गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के 20 दिनों के भीतर कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता हो सकती है. (इनपुट भाषा से भी)
Source : News18