सावन का पावन मास रविवार से शुरू होने जा रहा है जिसे लेकर श्रद्धालु भक्तगणों में उत्साह व भक्ति का माहौल है। इसके साथ ही इस बार भी श्रद्धालुओं को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा अर्चना करनी होगी। दूसरी ओर शनिवार को गुरु पूर्णिमा है, इसका भी काफी महत्व है, इसके बाद अगले दिन से सावन मास शुरू हो जायेगा।
वहीं दूसरी ओर सावन मास को लेकर शहर के शिवपुर मोहल्ला स्थित रत्नेश्वरनाथ धाम मंदिर में चहलकदमी बढ़ गई है। हालांकि इस बार भी कोविड-19 के नियम का पालन करते हुए पूजा अर्चना की जानी है। इस बाबत पंडित मंगल झा ने बताया कि गुरू पूर्णिमा अलग ही महत्व है यह पूर्णिमा इस बार 24 जुलाई को मनाई जा रही है। इस दिन गुरू के साथ वृहस्पति व भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है।
कहा कि गुरू पूर्णिमा जीवन में सूख समृद्धि और शांति लेकर आता है। इस दिन गुरुजनों का आर्शीवाद लें। इसे आषाढ़ पूर्णिमा भी कहा जाता है। कहा कि वर्ष की अन्य सभी पूर्णिमाओं में इस पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा है। पंडित मंगल झा ने कहा कि इस पूर्णिमा को इतनी श्रेष्ठता प्राप्त है कि एकमात्र पूर्णिमा का पालन करने से ही वर्ष भर की पूर्णिमाओं का फल प्राप्त होता है। वहीं कहा कि अगले दिन सावन का पावन मास शुरू हो जाता है। कहा कि इस बार सावन मास रविवार 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा। सावन मास इस बार 29 दिन का होगा। पहली सोमवारी 26 जुलाई दूसरी दो अगस्त, तीसरी नौ अगस्त व चौथी सोमवारी 16 अगस्त को होगी। इस बार चार सोमवारी होगी।