नई दिल्ली. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि उसे ‘टुकडे़-टुकड़े गैंग’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है. एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने कहा कि उन्हें मंत्रालय से आरटीआई आवेदन दायर करने के लगभग एक महीने बाद सोमवार को अपनी क्वेरी के लिए एक लाइन का जवाब मिला. इस आरटीआई (RTI) ने गृह मंत्रालय में अधिकारियों को पूरी तरह चुप करा दिया, जिन्होंने पहले एक टीवी चैनल को बताया था कि ‘टुकडे़ टुकडे़ गैंग’, या एक समूह भारत को विभाजित करने की कोशिश कर रहा है, इसका खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों की किसी भी रिपोर्ट में उल्लेख नहीं किया गया है.

 

न्यूज़18 से बात करते हुए, गोखले ने कहा कि वह अब गृह मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करेंगे, क्योंकि उन्होंने हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) से पहले एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि “टुकडे़ टुकडे़ गिरोह” के सदस्यों को सजा दी जानी चाहिए. शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेस और “टुकडे़-टुकडे़ गिरोह” को जिम्मेदार ठहराया था.

‘इस पर रोक लगाने की जरूरत’

गोखले ने कहा मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग कुछ कार्रवाई करेगा. यदि नहीं, तो हम इसके लिए कभी भी न्यायपालिका से संपर्क कर सकते हैं. गोखले ने कहा, मैं उन लोगों से बात करूंगा, जिन्हें टुकडे़ टुकडे़ गैंग के रूप में जाना जाता है और हम मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे, क्योंकि अब इस पर रोक लगाने की जरूरत है.

यह कहते हुए कि वह गृह मंत्री को एक पत्र भी लिखेंगे, गोखले ने कहा, “यह अब केवल बयानबाजी नहीं है. यह कहना कि कुछ लोग देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, एक बहुत बड़ा आरोप है और आप केवल ऐसे बयान नहीं दे सकते जब आपका स्वयं का मंत्रालय कह रहा हो कि उसे ‘टुकडे़-टुकड़े गैंग’ की कोई जानकारी नहीं है. गृह मंत्री को अपने बयान के लिए या तो स्पष्टीकरण देना होगा या माफी मांगनी होगी.”आरटीआई में मांगी गई ये जानकारी
आरटीआई में ये जानकारी मांगी गई थी कि क्या गृह मंत्रालय ने ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के नेताओं और सदस्यों की सूची तैयार की है और क्या वे इन सदस्यों के खिलाफ किसी भी सजा की योजना बना रहे हैं, जैसा कि गृह मंत्री द्वारा घोषित किया गया है.

 

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 9 फरवरी की कुख्यात घटना के बाद ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ शब्द गढ़ा गया था, जहां कुछ छात्रों ने कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए थे. हालांकि दिल्ली पुलिस अभी तक इन छात्रों के खिलाफ आरोपों को साबित नहीं कर सकी है. तब से, भाजपा के विभिन्न नेता विपक्ष और विभिन्न छात्र नेताओं के खिलाफ इस शब्द का उपयोग कर रहे हैं.

Input : News18

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