दक्षिण चीन सागर में हेकड़ी दिखा रहे चीन पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने विवादित इलाके में अपने दो विमानवाहक युद्धपोतों को भेज दिया है। ये पोत यहां सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे। अमेरिकी नेवा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि यूएसएस रेगन और यूएसएस निमित्ज हिंत प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र रखने के लिए ऑपरेशन और एक्सरसाइज में जुटे हैं।

With mounting questions about cost and survivability, a shifting ...

दो विमान वाहक चार युद्धपोतों के साथ चौबीसों घंटे फ्लाइट टेस्टिंग और हमला करने की क्षमता का परीक्षण करेंगे। पूरी दुनिया की नजर इसलिए भी टिकी हुई है क्योंकि चीन और अमेरिका के सैन्य जहाज एक ही क्षेत्र में एक समय पर अभ्यास करेंगे, यह बेहद ही दुर्लभ मौका है।

रोनाल्ड रीगन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर सीन ब्रोफी ने एएनआई से कहा, ”मैं पुष्टि कर सकता हूं कि यूएसएस निमित्ज (CVN 68) और यूएसएस रोनाल्ड रीगन (CVN 76) हिंद प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र और खुला रखने के लिए कैरियर ऑपरेशन और एक्सरसाइज में जुटे हैं।”

Some Say America Has Too Many Aircraft Carriers, But The Navy ...

यूएस नेवी के अधिकारी ब्रोफी ने कहा, ”यह प्रयास अमेरिका की उस प्रतिबद्धता के तहत है जिसमें हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक सभी देशों के उड़ने, नौवहन अधिकारों के साथ खड़े हैं।” अमेरिका ने इस अभ्यास की प्लानिंग काफी पहले की थी, लेकिन इसे चीन को कड़ा संदेश देते हुए अभी आयोजित किया जा रहा है, क्योंकि चीन विवादित पारासेल आइलैंड के पास अभ्यास में जुटा है, जिसका अमेरिका सहित कई देशों ने विरोध किया है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ”अमेरिका दक्षिण पूर्व एशिया के अपने मित्रों से सहमत है। पीआरसी (पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) का दक्षिण चीन सागर में विवादित स्थान पर सैन्य अभ्यास का हम विरोध करते हैं। हम चीन के गैरकानूनी दावे का विरोध करते हैं।”

Input : Hindustan

 

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