कोलकाता की एक मशहूर बेकरी श्रृंखला ने 25 किलोग्राम चॉकलेट की दुर्गा माता की मूर्ति बनाई है, जिसका शुक्रवार को विजयादशमी के बाद दूध में विसर्जन किया जाएगा और फिर उससे बने ‘मिल्कशेक’ को वंचित बच्चों में बांटा जाएगा. बेकरी के एक प्रवक्ता ने बताया कि बेल्जियम चॉकलेट से बनी चार फुट ऊंची देवी दुर्गा की हाथ से बनी मूर्ति ने पूजा के दिनों में पार्क स्ट्रीट में बने उनके मंडप में लोगों को काफी आकर्षित किया.

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उन्होंने बताया कि उत्तरी कोलकाता में कुम्हारों के केन्द्र कुम्हारटोली में जाकर काफी जानकारी बटौरने के बाद शेफ विकास कुमार और उनकी टीम ने एक हफ्ते से अधिक समय में इसे तैयार किया है. टीम ने ‘कोको बटर’ का इस्तेमाल उसका आधार ठोस बनाने और मूर्ति पर से दरारें छुपाने के लिए किया है. उन्होंने कहा, विजयादशमी के बाद मूर्ति का दूध में विसर्जन किया जाएगा और उससे बने ‘मिल्कशेक’ को मध्य कोलकाता के वंचित बच्चो में बांटा जाएगा. यह पहल पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार में बेकरी का एक योगदान है.

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बुर्ज खलीफा की तर्ज पर बना पंडाल
दुर्गा पूजा में कोलकाता में श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब ने पंडाल के तौर पर 145 फीट ऊंची ‘बुर्ज खलीफा’ की प्रतिकृति ने इस बार खूब सुर्खियां बटोरी हैं. रात के समय मंडप से 300 अलग-अलग तरह की रोशनी बिखेर रही है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. बता दें कि इस पंडाल की खास बात यह है कि इसमें मूल रूप से तिरंगे की रोशनी लोगों को विशेष तौर पर आकर्षित कर रही है. इसे असली बुर्ज खलीफा की तरह दिखने के लिए एक्रेलिक शीट का इस्तेमाल किया गया है जो एक तरह का चमकीला कांच है जो रोशनी को और तेज कर देता है.

पंडाल 6,000 एक्रेलिक शीट की मदद से तैयार किया गया
यह पंडाल केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि बंगाल का सबसे बड़ा पूजा पंडाल है जिसे बनाने के लिए एक बड़े मैदान का इस्तेमाल किया गया है. इस पंडाल में शुरू से ही लोगों को काफी भीड़ उमड़ रही है. यह पंडाल 145 फुट ऊंचा है. इसे 6,000 एक्रेलिक शीट की मदद से तैयार किया गया है. करीब 250 से ज्यादा श्रमिकों ने साढ़े तीन महीने दिन रात मशक्कत कर के इसे तैयार किया है.

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