पटना. बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) स्थित पुलिस मुख्यालय ऑडिटोरियम (Police Headquarters Auditorium) में सोमवार को उमड़ा हजारों छात्रों का हुजूम गुरु मंत्र लेने पहुंचा था. दरअसल बुधवार को पुलिस मुख्यालय में छात्रों के लिये खास तौर पर एक स्पेशल क्लास (Special Class) का आयोजन किया गया था. छात्रों को गुरु मंत्र देने वाले और कोई नही, बल्कि प्रदेश के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) थे. शिक्षक बने डीजीपी साहब ने भले ही खाकी वर्दी पहन रखी थी, लेकिन उनकी भूमिका केवल और केवल गुरु के रूप में दिखी.
गुरु मंत्र देने वाले डीजीपी ने साफगोई के साथ जब सच्चाई बयां करना शुरू किया, तो हॉल में बैठे सैकड़ों छात्र बरबस तालियां बजाने लगे. इतना ही नहीं, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के सहकर्मी भी फटी आंखों से अपने बॉस को देखने लगे. डीजीपी ने अपने जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई का खुलासा करते हुए बताया कि वो औसत से भी नीचे के छात्र थे और 11वीं कक्षा में फेल हो गए थे. उन्होंने आगे बताया कि फेल होने का कारण फिजिक्स और कैमिस्ट्री जैसे विषयों की जानकारी नहीं होना था. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने यह भी खुलासा किया कि छठी कक्षा तक उन्हें अंग्रेजी के अक्षरों का ज्ञान तक नहीं था.
सकारात्मक रूप से देखें मेरी बातें
जब न्यूज़ 18 की टीम ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय उनके इस खुलासा पर जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि उनकी बातों को सकारात्मक रूप में लिया जाये. उनका कहना है कि उन्होंने छात्रों से यह बात इसलिये शेयर की, क्योंकि जब उनके जैसा औसत से भी निम्न छात्र डीजीपी बन सकता है, तो आज के होनहार छात्र मेहनत के बल पर क्या नहीं हासिल कर सकते. पुलिस मुख्यालय में लगाई गई स्पेशल क्लास में मौजूद 500 से अधिक छात्र-छात्रा डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से इस कदर प्रभावित थे कि वहां मौजूद हर छात्र अब गुप्तेश्वर पांडेय बनने का संकल्प ले चुका था.
मामूली समस्या हमें कर देती है परेशान
बहरहाल, डीजीपी ने सच्चाई के साथ जीवन के फलसफे को छात्रों के सामने रखा. ऐसे में छात्रों का अभिभूत होना चौंकाने वाली बात नहीं है. सच तो यह है कि आज थोड़ी सी समस्या आने पर परेशान होने वाले हर छात्र को गुप्तेश्वर पांडेय की बातों पर अमल करनी चाहिये. ऐसा कर के ही हम जीवन में आगे बढ़ने और उज्जवल भविष्य का अपना सपना साकार कर पाएंगे.
Input : News18