यह तस्वीर अहियापुर थाना के शेखपुर की 80 वर्षीय लीला देवी की है। लीला देवी कोविड-19 वार्ड में भर्ती थी। सुधार नहीं होने पर परिजनाें ने उसे एसकेएमसीएच से घर ले जाने की इच्छा जताई। डॉक्टर ने भी उसे तत्काल डिस्चार्ज कर दिया। काफी काेशिशाें के बाद भी उन्हें अस्पताल से एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली। इसकी जानकारी परिजनाें ने सुरक्षाकर्मियों को दी। इसके बाद परिजन जुगाड़ गाड़ी से लीला देवी को ले गए। खास बात यह है कि डीटीओ के मुताबिक मुजफ्फरपुर में एक भी जुगाड़ गाड़ी नहीं है। एसकेएमसीएच में सिर्फ 6 एंबुलेंस हैं।

यहां 30 निजी एंबुलेंस खड़ी रहती हैं। सरकारी एंबुलेंस से बाहर छाेड़ने की सुविधा नहीं है। काेराेना काल में निजी एंबुलेंस वाले कम दूरी के लिए भी कम से कम 5000 रुपए की मांग करते हैं। ऐसे में गरीब और सामान्य तबके के मरीज इनकी सेवा लेने में खुद काे असमर्थ पाते हैं।

उपाधीक्षक बोले जांच कराएंगे

मरीज काे एंबुलेंस मुहैया नहीं कराने का मामला संज्ञान में नहीं आया है। पूरे मामले की तहकीकात करवाएंगे। – डॉ. गोपाल शंकर सहनी, उपाधीक्षक

Source : Dainik Bhaskar

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