जूरन छपरा महामाया स्थान के दुर्गा पूजा पंडाल के मुख्य द्वार पर इस बार केदारनाथ मंदिर का स्वरूप दर्शाया जाएगा। पंडाल 55 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है। करीब 30 कारीगर मंदिर का प्रारूप तैयार करने में लगे हैं। राक्षस शुंभ-निशुंभ का वध करती मां दुर्गा की प्रतिमा मंदिर परिसर में विराजमान रहेगी, जो करीब सात फीट की होगी।
समिति के सचिव रंजन कुमार ने बताया कि इस साल केदारनाथ मंदिर का भव्य स्वरूप पंडाल पर बनाया जा रहा है। बिजली का डेकोरेशन इस बार सबसे बढ़िया किया जाएगा। इसके अलावा फूलों से सजावट की जाएगी। बंगाल के कारीगर सारी सजावट करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए इस बार 10 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। समिति के स्वयंसेवक करीब 40 की संख्या में रहेंगे।
इसके साथ पुलिस प्रशासन का भी सहयोग मांगा जाएगा। सप्तमी को बुंदिया, मूंग, अष्टमी को खिचड़ी, नवमी को हलवा और दशमी को फल का भोग लगाया जाएगा। एकादशी को माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
बिहारी शैली में बन रही प्रतिमा : महामाया स्थान में बिहारी शैली में प्रतिमा बन रही है। मूर्तिकार बबलू पंडित 25 साल से प्रतिमा बनाते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार भी भव्य प्रतिमा तैयार की जा रही है, जो भक्तों को काफी आकर्षित करेगी।
56वें साल हो रही पूजा
जूरन छपरा महामाया स्थान में इस बार 56वें साल मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। समिति के अध्यक्ष रंजन कुमार ने बताया कि पहले माई का गहबर हुआ करता था। गहबर से पूजा शुरू हुई। प्रतिमा रखकर पूजा-अर्चना की जाने लगी। पहले छोटी प्रतिमा विराजमान होती थी। आगे चलकर बड़ी प्रतिमा रखकर पूजा-अर्चना की जाने लगी। हर साल भव्य प्रतिमा बनती है। पूजा की शुरुआत स्व. दरबारी साह, स्व. नारायण साह व स्थानीय लोगों ने मिलकर की थी।
Source : Hindustan
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