मुंगेर में हुए विवाद में भीड़ द्वारा पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगा रही है। पूर्व एसपी लिपि सिंह ने भी ऐसा ही बयान दिया था, लेकिन घटनास्थल पर तैनात सीआईएसएफ की टीम ने अपने आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया है फायरिंग की शुरूआत मुंगेर पुलिस ने की , बाद में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने भी फायरिंग की।
आपको बता दे कि लिपि सिंह ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया था, कि दुर्गा प्रतिमा विर्सजन जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने फायरिंग की थी। और उनकी फायरिंग से ही एक युवक की मौत हो गयी थी। सीआईएसएफ की आंतरिक रिपोर्ट ने लिपि सिंह का आरोपों की पोल खोल दी है।
मुंगेर की घटना के बाद सीआईएसएफ के डीआईजी ने अपने मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी है। दरअसल चुनाव के मद्देनजर मुंगेर में सीआईएसएफ की टीम को तैनात किया गया था। मुंगेर की एसपी ने दुर्गा प्रतिमा विर्सजन जुलूस के दौरान इस टीम का उपयोग किया था। इसके मद्देनजर ही CISF के डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट भेजी है।
मुंगेर कोतवाली थाना के कहने पर सीआईएसएफ की टीम को मूर्ति विसर्जन जुलूस की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजा गया था। 26 अक्टूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर CISF के 20 जवानों की टुकड़ी तैनात हुई। मुंगेर पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो ग्रुप में बांट दिया। एक ग्रुप को SSB और बिहार पुलिस के जवानों के साथ मुंगेर के दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया।