मुजफ्फरपुर : आमलोग से लेकर अधिकारी तक शहर में ट्रैफिक की समस्या से पूरी तरह अवगत हैं। वरीय अधिकारियों ने कई बार ट्रैफिक प्लान बनाया, लेकिन हर बार यह व्यवस्था बेपटरी हो गयी। ट्रैफिक प्लान के अनुसार अधिकारियों ने काम नहीं कराया। यही नहीं, वरीय अधिकारियों ने बाद में इस प्लान का फॉलोअप नहीं किया। नए अधिकारी आए तो पुराने फैसलों का दरकिनार कर दिया। उन्होंने नए सिरे से प्लान बनाया।
तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त एसएम राजू से लेकर अब तक बीते 10 साल में छह बार शहर में ट्रैफिक का प्लान बना। लेकिन, हर बार फेल हो गया। चार साल पहले ट्रैफिक को सुधारने के लिए मुख्य सड़कों से अतिक्रमण खाली कराया गया था।
छोटी कल्याणी-कल्याणी रोड पांच साल से वनवे, पर लागू नहीं : छोटी कल्याणी से कल्याणी चौक आने वाली सड़क पांच साल से वनवे है। इसमें केवल कल्याणी की ओर से ही वाहन जाएंगे। पांच साल पहले इस ट्रैफिक प्लान को लागू किया गया था। यहां जवान की तैनाती भी की गई, लेकिन अधिकारी के बदल जाने के बाद व्यवस्था चरमरा गई। इमलीचट्टी ओवरब्रिज चौराहे से बस स्टैंड की ओर वनवे है, लेकिन यहां पुलिस के सामने ही बेरोक-टोक गाड़ियां प्रवेश करती हैं। महेशबाबू चौक से इमलीचट्टी की ओर भी वनवे लागू नहीं किया गया। कल्याणी से जवाहरलाल रोड की ओर भी वनवे लागू किया गया था। अब यह व्यवस्था फेल है।
पांच साल में 20 बार कंपनीबाग और आठ बार मोतीझील से हटा अतिक्रमण : बीते पांच साल के दौरान कंपनीबाग में प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय से डीएम आवास मोड़ तक 20 बार अतिक्रमण खाली कराया गया है। अभियान की टीम के हटते ही फिर से दुकानें सज जाती हैं। मोतीझील में आठ बार अतिक्रमण खाली कराने के लिए अभियान चल चुका है। बुल्डोजर के साथ टीम पहुंचती है। अकसर टीम के आते ही सड़क पर दुकान लगाने वाले दुकानदार सामान समेटकर चलते बनते हैं। इसके बाद नाले पर बनीं कुछ अस्थाई दुकानों के ढाठ को हटाकर टीम लौट गई। इसके बाद स्थिति फिर पहले जैसी हो जाती है।
ऐसे बिगड़ी है व्यवस्था
● भीड़ वाली सड़कों पर नहीं लागू किया गया वनवे
● पार्किंग स्थल नहीं रहने पर लोग सड़क और पुल पर लगा रहे गाड़ियां
● चाराहों पर बदस्तूर रुक रही ऑटो, जिससे शुरू होता जाम
● चौराहों पर टूटी सड़कों की नहीं कराई गई ठीक से मरम्मत
● ऑटो पड़ाव को नहीं कराया गया व्यवस्थित
● सड़क से मंडियों में शिफ्ट नहीं हुई सब्जी दुकानें
● ट्रैफिक थाना में नहीं मिले जरूरत के अनुसार 220 पुलिस जवान
● सुबह 10 बजे तक सफाई करा लेने का आदेश हुआ फेल
● सड़कों के बीच से नहीं हटाए गए बिजली के खंभे
● टेंडर के बावजूद स्मार्ट सिटी की योजना पर शुरू नहीं हुए काम
ओवरब्रिज के नीचे पार्किंग का टेंडर हुआ, फिर भी पुल पर लगती हैं गाड़ियां
मोतीझील ओवरब्रिज के नीचे पार्किंग स्थल का नगर निगम से दो बार टेंडर हो चुका है। बाइक व कार के लिए वहां पार्किंग है। इस पार्किंग तक कार ले जाना कठिन है। ज्यादातर गाड़ियां ओवरब्रिज पर ही पार्क होती हैं। यहां पार्किंग होने पर ट्रैफिक पुलिस चालान काटेगी। ट्रैफिक थानेदार बीके सिंह ने बताया कि चालान काटने पर लोग पूछते हैं कि यह भी बताएं कि गाड़ी कहां पार्क करें। तब कोई जवाब नहीं सूझता है।
चौराहों पर अवैध ऑटो पार्किंग के कारण लगता है जाम
पुराने ट्रैफिक प्लान के तहत अघोरिया बाजार, सरैयागंज, जूरनछपरा, इमलीचट्टी ओवरब्रिज मुहाना, भगवानपुर, जीरोमाइल, पक्की सराय च बनारस बैंक चौराहे के 50 मीटर के परिधि में ऑटो पार्क करना अवैध है। सवारी उतारने के लिए ऑटो चौराहा से 50 मीटर के बाद ही रुकेगा। लेकिन, अघोरिया बाजार, सरैयागंज, पक्कीसराय और बनारस बैंक चौक पर ऑटो की अवैध पार्किंग के कारण जाम लगता है।
Source : Hindustan
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