देश की राजधानी में इस बार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने छठ पूजा के सार्वजन‍िक रूप से आयोजन पर प्रत‍िबंध लगा द‍िया है. इसके अलावा दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों से छठ पूजा का त्‍यौहार अपने घरों में ही मनाने की अपील की है. इसके साथ उन्‍होंने कहा कि नदियों के किनारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने पर रोक कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लगाई गई है. वहीं, छठ पूजा को लेकर दिल्‍ली में राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल पर छठ पूजा पर रोक लगाने के कारण निशाना साधा है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा, ‘छठ पूजा में हम लोगों को पानी में उतरना पड़ता है. हम अर्ध्य देने के लिए शाम और सुबह पानी में उतरते हैं. इस दौरान एक भी आदमी को कोरोना हुआ, तो उसके पानी में उतरने से सारा पानी कोरोना संक्रमित हो जाएगा. इससे कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा. साथ ही कहा कि मैं खुद चाहता हूं कि जिंदगी सामान्य पटरी पर लौटे और लोग धूमधाम से छठ पूजा मनाएं, लेकिन मजबूरी है कि इतनी बड़ी महामारी से हम जूझ रहे हैं. इस कारण दिल्‍ली में छठ पूजा को लेकर कुछ पाबंदिया लगाई गयी हैं. आप सभी से अपील है कि घर में रह कर ही पूजा करें. केजरीवाल ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर अन्य पार्टियों के नेताओं से अपील करता हूं कि वे इस मुद्दे पर राजनीति ना करें. राजनीति के बजाए उन्‍हें महामारी को लेकर लोगों में जागरुकता पैदा करने संबंधी सरकार के प्रयासों में साथ देना चाहिए.

भाजपा और कांग्रेस ने की ये मांग

सीएम के बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा का पर्व पारंपरिक रूप से मनाने देने की मांग की है. वहीं, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि शहर में छठ पूजा पर रोक लगाकर केजरीवाल ने लाखों पूर्वांचलियों का अपमान किया है. इसके अलावा उन्‍होंने अपने आवास पर छठ पूजा समितियों की बैठक के बाद कहा था कि अगर रोक नहीं हटाई गई, तो वह पूर्वांचलियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. बता दें कि छठ पूजा चार दिवसीय त्योहार है और राष्ट्रीय राजधानी में बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग (जिन्हें पूर्वांचली भी कहते हैं) बड़ी सख्या में इसे मनाते हैं.

दशहरा और दुर्गा पूजा समारोह को अनुमति

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत गुरुवार को दशहरा और दुर्गा पूजा समारोह की अनुमति दी, लेकिन छठ पूजा पर पाबंदी बरकरार रखी है. डीडीएमए के आदेश के मुताब‍िक, द‍िल्‍ली में सार्वजन‍िक तौर पर या फिर पब्‍ल‍िक ग्राउंड, नदी या घाट और मंद‍िर आद‍ि में छठ पूजा समारोह का आयोजन नहीं होगा. वहीं, लोगों का सलाह दी गई है क‍ि वह आस्‍था के इस पर्व को अपने घरों में रहकर ही मनाएं.

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