विक्रमशिला सेतु के समानांतर गंगा पर बननेवाले फाेरलेन पुल के निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। पथ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। टेक्निकल बिड का मूल्यांकन किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि अब दाे-तीन दिन के अंदर फाइनांशियल बिड खुलेगा। इसके साथ ही फाेरलेन पुल के निर्माण के लिए एजेंसी तय हाे जाएगी।
टेक्निकल बिड में देशभर के टाॅप-सात एजेंसियाें ने हिस्सा लिया है। इनमें एस्कान, एलएंडटी, एसपी सिंघला, एनसीसी, जर्मन समेत टाॅप कंस्ट्रक्शन कंपनियां शामिल हैं। पुल निर्माण निगम के इंजीनियर के मुताबिक दाे-तीन दिनाें के अंदर फाइनांशिलय बिड खुलेगा और एजेंसी तय हाे जाएगी।
सबसे कम बिड वाली एजेंसी काे पुल निर्माण का ठेका मिलेगा। संभावना जताई जा रही है कि इस माह के अंत तक टेंडर की सारी प्रक्रिया पूरी हाे जाएगी और नए साल से निर्माण शुरू हाे जाएगा। निर्माण चार साल के अंदर पूरा हाे जाएगा। टेंडर 10 सितंबर तक ही पूरा हाेना था। लेकिन बीच में विधानसभा चुनाव आ जाने के कारण मामला अटक गया था।
निर्माण पर 1116.72 करोड़ रुपए खर्च हाेंगे 10 साल तक निर्माण एजेंसी करेगी मेंटेनेंस
फाेरलेन पुल के निर्माण की दिशा में जुलाई से तेजी आई। उसी दाैरान खर्च की स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद केंद्र की हरी झंडी के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन व राज मार्ग मंत्रालय ने टेंडर भी जारी किया था। निर्माण पर 1116.72 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
पुल के नीचे पानी का जहाज निकल जाए, इसके लिए इनलैंड वाटरवेज अथाेरिटी ऑफ इंडिया की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त स्पेस छोड़ा जाएगा। सेतु से 50 मीटर हट कर पूरब में फाेरलेन पुल बनेगा। इसकी लंबाई 4.367 किमी हाेगी। पुल में 68 पाये होंगे। पुल के बनने के बाद अगले 10 वर्षों तक इसका मेंटेनेंस पुल निर्माण करने वाली एजेंसी ही करेगी।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी हुई तेज मुआवजा भुगतान काे कैंप भी लगाए गए
पुल के जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में भी तेजी आ गई है। इसके लिए भू-अर्जन विभाग काे पहले ही राशि मिल चुकी है। खरीक अंचल में कैंप लगाकर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। बीते तीन दिन के अंदर अंचल में कैंप लगाया गया। इसमें खरीक अंचल के महादेवपुर और परबत्ता माैजा की 40 एकड़ रैयती जमीन के अधिग्रहण के लिए 260 किसानाें से खरीक अंचल में कैंप में कागजी प्रक्रिया पूरी की गई। अब मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया शुरू हाे गई है। जल्द ही किसानाें के खाते में मुआवजा भेजा जाएगा। बता दें कि गंगा पर बनने वाले फाेरलेन पुल के लिए 21.3 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है।
तीन दिन के अंदर खुल सकता है फाइनांशियल बिड
गंगा पर बननेवाले फाेरलेन पुल के लिए टेक्निकल बिड के तहत मूल्यांकन का काम चल रहा है। देश की सात टाॅप एजेंसी ने हिस्सा लिया है। दाे-तीन दिन के अंदर फाइनांशियल बिड खुलने की संभावना है। -रामसुरेश दुबे, प्राेजेक्ट इंजीनियर, पुल निर्माण निगम
Source : Dainik Bhaskar