आज नवरात्रि का दूसरा दिन. इस दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की उपासना की जाती है. इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया है. विद्यार्थी और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है. जिनका चन्द्रमा कमजोर हो उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत अनुकूल होती है.

Significance of Mother Brahmacharini on the second day of Navratri | नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का महत्व

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि- मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले अथवा सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए. मां को सफेद वस्तुएं अर्पित करें जैसे कि मिसरी, शक्कर या पंचामृत. पूजा के समय ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जपा जा सकता है. मां ब्रह्मचारिणी के लिए “ॐ ऐं नमः” का जाप करें. जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

नवरात्रि के दूसरे दिन करें ये उपाय- इस दिन सफेद वस्त्र धारण करके पूजा करनी चाहिए. माता के मन्त्रों के साथ चन्द्रमा के मंत्रों का जाप भी करें. माता को चांदी की वस्तु भी समर्पित करें. इस दिन शिक्षा तथा ज्ञान के लिये मां सरस्वती की उपासना भी करें. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद घर के सभी सदस्यों को दें. ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों को लंबी आयु का वरदान मिलता है.

मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मिलते हैं ये लाभ- मां का ब्रह्मचारिणी रूप बेहद शांत, सौम्य और मोहक है. मान्यता है कि मां के इस रूप को पूजने से व्यक्ति को तप, त्याग, वैराग्य और सदाचार जैसे गुणों की प्राप्ति होती है. मां के इस स्वरूप को पूजने से साधक होने का फल मिलता है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और वो हमेशा सही मार्ग पर चलता है.

मंत्र:

1- दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयी ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

2- या देवी सर्वभू‍तेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती:

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो ​तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

हेलो! मुजफ्फरपुर नाउ के साथ यूट्यूब पर जुड़े, कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा 😊 लिंक 👏

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *