बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अब ह’त्या का मुकदमा नहीं चलेगा। पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है। शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने फैसले के बिंदु पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरुद्ध बाढ़ की निचली अदालत द्वारा लिये गये संज्ञान को रद्द कर दिया। जस्टिस ए अमानुल्लाह की एकल पीठ ने नीतीश कुमार की याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया । 28 साल पुराने पंडारक ह’त्या मामले में अब उन पर कोई मामला नहीं चलेगा। 1991 में सीताराम सिंह की ह’त्या हुई थी, जिसमें इन्हें अन्य लोगों अलावे आरोपी बनाया गया था।
16 नवंबर 1991 की है घटना
पटना जिला के पंडारक थाने की घटना है। वर्ष 1991 में 16 नवंबर को बाढ़ लोक सभा मध्यावधि चुनाव के दिन पंडारक थाना क्षेत्र के ढीवार गांव के प्राइमरी स्कूल में सीताराम सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में कुछ लोग घायल भी हुए थे। ह्त्या की प्राथमिकी घटना के एक दिन बाद 17 नवंबर को दर्ज करायी गयी थी।
पांच लोगों को बनाया गया था अभियुक्त
प्राथमिकी में नीतीश कुमार सहित कुल 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, लेकिन नीतीश कुमार एवं दुलार चंद्र को आरोप मुक्त कर दिया गया था। 2009 में रिश्ते के भाई अशोक सिंह ने बाढ़ के एसीजेएम की अदालत में परिवाद पत्र दाखिल कर नीतीश कुमार और योगेन्द्र यादव को अभियुक्त बनाने की मांग की, जिसे एसीजेएम ने स्वीकार कर केस चलाने की अनुमति प्रदान कर दी।
सुरक्षित था फैसला
हाईकोर्ट में इस मामले में लंबे समय से सुनवाई चली। निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी गई थी। हाईकोर्ट ने 31 जनवरी को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सीएम नीतीश कुमार की तरफ़ से जबलपुर हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट राजेन्द्र सिंह एवं पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट कृष्णा प्रसाद सिंह ने भाग लिया था. शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के फैसले से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ी राहत मिली है।
Input : Dainik Jagran