नामांकन के पहले ही दिन बुधवार काे ट्रैफिक सिस्टम कुछ इस कदर चरमराया कि जूरन छपरा से कंपनी राेड तक दाेपहर में पैदल निकलना भी मुश्किल रहा। सिकंदरपुर स्टेडियम के निकट बैरियर लगा कर ऑटो तक काे करबला की ओर जाने से राेक दिया गया। दूसरी ओर, वन वे लागू रहने से सिकंदरपुर माेड़ से सरैयागंज टावर की ओर  किसी वाहन काे प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। दाेपहर में तकरीबन 5 घंटे तक अखाड़ाघाट, सिकंदरपुर, बालूघाट व जीराेमाइल की ओर से शहर आने वाले लाेगाें काे चारपहिया से प्रवेश की एंट्री नहीं मिली।

शहर के बाकी इलाके में भी ट्रैफिक सिस्टम अस्त-व्यस्त रहा। जबकि, नामांकन को लेकर अतिरिक्त अधिकारियों व जवानों की तैनाती की गई है। सुबह 11 बजे के पहले ही अघाेरिया बाजार चाैक से एलएस काॅलेज गेट तक वाहनाें की लंबी कतार लग गई। नामांकन से जुड़े वाहनाें के काफिला की वजह से ट्रैफिक संभालना मुश्किल हाे गया। एलएस काॅलेज में काफिला के प्रवेश के बाद कुछ समय के लिए ट्रैफिक का लाेड कम हुआ। सबसे खराब स्थिति कंपनीबाग से जूरन छपरा तक रही। ट्रैफिक जाम रहने की वजह से जूरन छपरा में एम्बुलेंस के बजते सायरन का काेई असर नहीं पड़ा। जूरन छपरा से एसकेएमसीएच तक जाने के लिए जब एम्बुलेंस काे जगह नहीं मिला ताे लक्ष्मी चाैक के रास्ते जूरन छपरा से दाेपहर में एक एम्बुलेंस काे एसकेएमसीएच भेजा गया। जूरन छपरा-कंपनीबाग राेड में कुछ समय के लिए स्कूली बस,स्कूली ऑटो भी जाम में फंसी रही। ट्रैफिक डीएसपी रविंद्र कुमार सिंह का कहना है कि नामांकन की वजह से ट्रैफिक पर लाेड ज्यादा अचानक पड़ने से कुछ समय के लिए परेशानी हुई। हम लाेग जगह-जगह खुद लगे हुए थे। कल से और मेहनत की जायेगी ताकी लाेगाें काे परेशानी नहीं हाे।

Input : Dainik Bhaskar

 

 

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