नगर निगम में मेयर पर आए अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर मंगलवार काे राजनीति गरम रही। मेयर की कुर्सी बचाने के लिए 25 पार्षदों का समर्थन जुटाने के लिए निगम की राजनीति के दिग्गजों के जाेड़-ताेड़ का खेल चरम पर है। दाेनाें गुट से अब तक अलग दिख रहे 7 वार्ड पार्षदों में तीन काे ताेड़ने के लिए डाेरे डाले जा रहे हैं। इधर, नेपाल और अन्य प्रदेश के टूर पर निकले वार्ड पार्षदों से भी दूसरा खेमा संपर्क साधने की काेशिश में है। दाे साल पहले मुख्य चुनाव के समय वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार साह उर्फ नंदू बाबू ने ताल ठाेका था। इस बार मेयर सुरेश कुमार के खिलाफ उनके करीबी वार्ड तीन के पार्षद राकेश कुमार पिंटू काे ही सामने लाने की चर्चा है। हालांकि, मेयर पर 15 जून काे अविश्वास मत में कुर्सी खाली हाेगी कि बचेगी। उसके बाद ही फिर से चुनाव में काेई दूसरा उम्मीदवार मैदान में आएगा । तब तक राकेश कुमार ने भी अपनी दावेदारी काे लेकर खुलकर बयान नहीं दिया है।
पूर्व विधायक ने अविश्वास मुद्दे पर कहा- दाे साल हुए निगम से खुद काे किनारा कर लिया
पूर्व विधायक विजेंद्र चाैधरी ने कहा कि कुछ लाेग बेवजह उन्हें नगर निगम की राजनीति में घसीट रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि नगर निगम की राजनीति से दाे साल पहले ही खुद काे अलग कर लिया। अब मुझे इसकी राजीनीति में काेई रुचि नहीं। मेयर या डिप्टी मेयर के विरुद्ध किसने अविश्वास प्रस्ताव लाया, काैन पार्षद किसके पक्ष में जाएगा? इस संदर्भ में उनकी किसी पार्षद से काेई बात नहीं हाे रही।
दूसरे खेमे के आवेदन पर सात दिनाें में लेंगे निर्णय
21 वार्ड पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव वाले आवेदन के बजाय 19 पार्षदों के आवेदन के आधार पर केवल मेयर पद के लिए अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बुलाए जाने काे लेकर मंगलवार काे वार्ड 28 के पार्षद राजीव कुमार पंकू ने पटना के सीनियर वकीलाें से राय ली। मंगलवार काे मेयर सुरेश कुमार ने कहा कि एेसे भी अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन पर 7 दिनाें में निर्णय लेने का उन्हें अधिकार प्राप्त है। तब तक आवेदन देने वाले 21 पार्षदों का इंतजार करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अपने- अपने खेमे के पार्षदों को दोनों ही गुट अलग-अलग जगहों की सैर करा रहे हैं, ताकि अंतिम समय में झटना न लगे।
Input : Dainik Bhaskar